बिहार
चंपारण सत्याग्रह के पुरोधा स्वतंत्रता सेनानी बाबू लोमराज सिंह की मनायी गई पुण्यतिथि
Shantanu Roy
18 Oct 2022 5:53 PM GMT
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मोतिहारी। चंपारण में निलहे अंग्रेजो के विरूद्ध आवाज बुलंद कर किसानों को गोलबंद करने वाले स्वतंत्रता सेनानी लोमराज सिंह की 94वीं पुण्यतिथि आज जिले के कोटवा प्रखंड स्थित उनके गांव जसौली पट्टी मे मनाई गयी।जहां सैकड़ों लोगों ने उनके तैल चित्र व मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर चंपारण सत्याग्रह में उनकी महत्ती भूमिका का स्मरण किया। उनको जो हमारे लिए खड़े थे, जो अपने लिए नहीं किसानों के लिए लड़े थे। इस अवसर उनके श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए जिला सर्वोदय मंडल के सचिव विनय कुमार ने कहा कि बाबू लोम राज सिंह चंपारण के किसानों पर निलहे अंग्रेजो के अत्याचार के खिलाफ उनके हक के लिए किसानों को संगठित कर अनावश्यक लगान के खिलाफ लड़ाई का बिगूल फूँका।ऐसे व्यक्तित्व को हम सब नमन करते है।जिन्होने हम सब के लिए लड़े।
बताते चले कि लोमराज बाबू राजकुमार शुक्ल वही व्यक्ति थे।जिनके कारण गांधीजी अपनी पहली चंपारण यात्रा की थी।साथ ही गांधी जी मोतिहारी आने के बाद सर्वप्रथम उनसे ही मिलने 16 अप्रैल 1917 को जसौली जा रहे थे इसी बीच तत्कालीन कलेक्टर डब्लू बी.हेकाॅक का उन्हे चंपारण छोड़ने का नोटिस मिला था।बाबजूद इसके गांधी जी ने उनके आंदोलन को मान्यता दी और उनके पहल पर जसौली में पीड़ित और प्रताड़ित किसानों का पहला बयान दर्ज हुआ था।हर साल गांधी जी की जसौली पट्टी की यात्रा के स्मरण में ही जिले के लोग चंपारण सत्याग्रह स्मृति दिवस के रूप में मनाते हैं। लोमराज के पुण्य तिथि के अवसर पर श्रद्धासुमन अर्पित करने पहुंचे कोटवा प्रखंड प्रमुख पति सुनील दास ने भी मौके पर उनके कृतित्व और व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हे इस सदी का महान क्रांतिकारी किसान बताया।
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