पटना: लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को 'राष्ट्रपत्नी' (Indecent Remarks On President) कहकर संबोधित किए जाने को लेकर बिहार में भी सियासत तेज (Politics Intensified In Bihar ) हो गई है. जदयू ने इसको लेकर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि कांग्रेस को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए. वहीं कांग्रेस भी अधीर रंजन चौधरी के बयान को गलत मान रही है.
कांग्रेस ने की अधीर चौधरी के बयान की निंदा: बिहार कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा (Congress MLC Prem Chandra Mishra) ने कहा है कि संवैधानिक पद पर बैठे हुए या सर्वोच्च पद पर बैठे हुए व्यक्ति को लेकर इस तरह की टिप्पणी उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि अधीर रंजन चौधरी ने क्या कहा क्या नहीं कहा हम इस बात को नहीं सुने हैं लेकिन हम इतना जरूर कह सकते हैं कि सर्वोच्च पद पर कोई भी व्यक्ति अगर बैठा हो तो उसको लेकर किसी भी नेता को या राजनीतिक दल को इस तरह की टिप्पणी नहीं करनी चाहिए.
पूरा मामला: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने अशोभनीय टिप्पणी की है. सोनिया गांधी से ईडी पूछताछ का विरोध कर रही कांग्रेस ने संसद भवन परिसर में विरोध किया था. इसी दौरान एक निजी चैनल से बातचीत में लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति के लिए 'राष्ट्रपत्नी' शब्द का इस्तेमाल किया था. इसको लेकर बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर है. वहीं कांग्रेस नेता चौधरी ने गुरुवार को कहा, 'मैं एक बंगाली हूं, हिंदी बहुत अच्छी नहीं आती, मैंने गलती की है, मैं इसे स्वीकार करता हूं.' उन्होंने कहा, 'राष्ट्रपति से मिलने समय मांगा है, उनसे माफी मांगूगा, लेकिन इन 'पाखंडियों' से नहीं.' चौधरी ने कहा, 'देश का राष्ट्रपति जो भी हो, चाहे वह ब्राह्मण हो, या आदिवासी, हमारे लिए राष्ट्रपति हैं. पद की गरिमा का पूरा सम्मान है.'
जुमें को स्कूल की छुट्टी पर कांग्रेस का बयान: वहीं बिहार के सीमांचल में अधिकांश सरकारी विद्यालय को शुक्रवार को बंद करने के मामले पर भी प्रेमचंद्र मिश्रा ने अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि जब सरकार पहले से ही रविवार को सभी विद्यालय को बंद करने की घोषणा कर रखी है तो फिर किस नियम के तहत शुक्रवार को सरकारी विद्यालय बंद किए जाते हैं. इस मामले पर मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को लोगों को जवाब देना चाहिए. उन्होंने कहा कि जो लोग यह दलील दे रहे हैं कि विधानसभा और विधान परिषद की कार्यवाही का भी समय बदला जाता रहा है. उन्हें यह समझना चाहिए कि सिर्फ समय बदला ना कि शुक्रवार के दिन विधानसभा विधान परिषद की कार्यवाही को ही बंद किया गया और छुट्टी दी गई.