बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक फैसले के बाद से एक बार फिर से महागठबंधन में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं होने को लेकर चर्चा तेज हो गई है। मुख्यमंत्री ने राजस्व और भूमि सुधार विभाग में हुए 480 ट्रांसफर को रद्द कर दिया है। इसके बाद माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने कहीं ना कहीं राजद और खास करके तेजस्वी यादव को सख्त संदेश दे दिए है। दरअसल, बिहार में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग राजद कोटे के पास है। इसके मंत्री आलोक मेहता हैं जिन्हें तेजस्वी यादव का बेहद करीबी माना जाता है। आलोक मेहता ने ही वो ट्रांसफर के आदेश दिए थे जिसे नीतीश कुमार ने रद्द कर दिया है।
नीतीश कुमार ने क्या कहा
नीतीश कुमार के इस फैसले ने एक बार फिर से महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं है, इसको लेकर चर्चा गर्म कर दी है। हालांकि इस को लेकर जब नीतीश कुमार से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अगर किसी चीज के बारे में सूचना आई कि कुछ अधिकारियों का अनावश्यक तबादला हो गया है। इसके बाद विभाग और सब लोगों ने तय किया कि अभी इसे छोड़ देंगे। नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि तबादलों को लेकर कुछ नियम होते हैं। अगर कोई अधिकारी ठीक से काम नहीं कर रहा या फिर एक जगह 3 साल से ज्यादा का वक्त बिता चुका है, ऐसी परिस्थितियों में उसका ट्रांसफर किया जाता है। मगर फिलहाल में यह सब चीजें नहीं थी। दूसरी ओर महागठबंधन में तकरार को लेकर नीतीश से सवाल पूछा गया। इसी बीच तेजस्वी यादव ने साफ तौर पर जवाब देते हुए कहा कि यह सब फालतू की बात है।
क्या है मामला
यह तबादले जून महीने में हुए थे। इसमें 30 अधिकारियों को उनके मूल कैडर में वापस भेजा गया था। वही 395 अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग की गई थी। इसके बाद से 86 चर्चाएं तेज हो गई थी। दावा किया जा रहा था कितना बादलों में नियमों का ध्यान नहीं रखा गया है। मामला बढ़ा तो यह नीतीश कुमार के पास भी पहुंचा। इसे संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री ने रद्द कर दिया है। पिछले कुछ दिनों से राजद और जदयू में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं होने की खूब चर्चाएं कही जा रही है। हालांकि दोनों ही दलों की ओर से इससे साफ तौर पर इंकार किया जा रहा है। विरोधियों को एक बार फिर से राजद और जदयू पर निशाना साधने का मौका मिल गया है