बिहार | पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत रामविलास पासवान के इकलौते बचे छोटे भाई और चिराग पासवान के चाचा पशुपति कुमार पारस आज फिर से चर्चा में हैं। इस बार चर्चा की वजह उनकी सेहत है। अचानक योग करते वक्त उनकी तबीयत बिगड़ गई। दिल्ली AIIMS के डॉक्टरों से इलाज की सलाह दी गई है। योग करते वक्त उनके लुढ़कने की तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल भी हो रही है। लोग अब पशुपति पारस को सर्च कर रहे हैं। सर्च करने का आलम यह है कि सोशल मीडिया पर इस वक्त पशुपति कुमार पारस का नाम ट्रेंड कर रहा है।
6 जून 1957 को खगड़िया के अलौली स्थित शहरबन्नी गांव के मंत्रीजी टोला में जन्मे पशुपति कुमार पारस की राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1977 से हुई थी। उनके बड़े भाई दिवंगत रामविलास पासवान के मंत्री बनने पर मंत्रीजी टोला जगह का नाम पड़ा। आते हैं पारस पर। उन्होंने अलौली से जेएनपी उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ा और कांग्रेस के मिस्री सदा को 3607 वोटों से हरा दिया।
इसके बाद उन्होंने 1985 में कांग्रेस के वाजेश्वर पासवान को 21699 वोट से हराया। 1995 में उन्होंने फिर मिस्री सदा को हराया। 2000 में जदयू के टिकट पर राजद के राम बृक्ष सदा उतरे तो उन्हें भी पारस ने 4686 वोटों से हरा दिया। 2005 में अलौली से ही चुनाव लड़े और राजद की मीरा देवी को 9711 वाट से हराया।
पारस ने बिहार सरकार में पशु और मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री के रूप में कार्य किया। इसके बाद पारस ने 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत गए। बड़े भाई रामविलास पास के निधन के बाद पारस केंद्रीय मंत्री बने। मोदी सरकार ने उन्हें केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री बना रखा है।