x
द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाना बेहतर फैसला
खगड़िया: बिहार के खगड़िया में एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे जमुई सांसद चिराग पासवान (Jamui MP Chirag Paswan) ने कहा कि राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मू का इसलिए समर्थन (Chirag Supports Draupadi Murmu for Post of President) नहीं किया कि वो एनडीए की उम्मीदवार हैं, बल्कि इसलिए समर्थन किया, क्योंकि पिछड़े समाज से आने वाले लोगों को सर्वोच्च सम्मान दिया गया है. एक निजी कार्यक्रम में शरीक होने सासंद चिराग पासवान खगङ़िया पहुंचे थे, जहां हरदासचक के समाजसेवी राजेन्द्र पोद्दार के प्रथम पुण्यतीथि पर उनके तैलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित किया.
चिराग ने द्रौपदी मुर्मू का किया समर्थन : समाजसेवी राजेन्द्र पोद्दार के प्रथम पुण्यतीथि पर उनके तैलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ-साथ उनके परिवार के लोगों से भी चिराग पासवान मिले और राजेन्द्र पोद्दार के साथ परिवारिक संबंध होने की बात बताई. उनके साथ पूर्ण मंत्री रेणु कुशवाहा पूर्व सासंद अरूण सिंह आदि मौजूद थे. इस मौके पर सासंद चिराग पासवान ने साफ तोर पर कहा कि वो एनडीए समर्थित राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेंगे. बहरहाल जो भी हो चिराग पासवान राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर द्रौपदी मुर्मू के समर्थन को जायज बता रहे हैं.
चिराग का NDA के राष्ट्रपति उम्मीदवार को समर्थन का ऐलान : लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जमुई सांसद चिराग पासवान (Chirag Paswan Closeness With BJP) ने एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में समर्थन करने का निर्णय लिया है. दरअसल चिराग पासवान ने मीडिया कर्मियों से बातचीत के दौरान कहा था कि वो विपक्ष और NDA के उम्मीदवारों की घोषणा का इंतजार कर रहे थे. उन्होंने यह भी कहा था कि उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की वजह से द्रौपदी मुर्मू को समर्थन करने का फैसला नहीं लिया है. बल्कि आदिवासी समाज से आने वाली एक महिला द्रौपदी मुर्मू का उन्होंने समर्थन किया है, जिनका व्यक्तित्व बेहद खास है.
कौन हैं एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू? : 20 जून 1958 को ओडिशा में एक साधारण संथाल आदिवासी परिवार में जन्मीं द्रौपदी मुर्मू ने 1997 में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. वह 1997 में ओडिशा के रायरंगपुर में जिला बोर्ड की पार्षद चुनी गई थीं. राजनीति में आने के पहले वह श्री अरविंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च, रायरंगपुर में मानद सहायक शिक्षक और सिंचाई विभाग में कनिष्ठ सहायक के रूप में काम कर चुकी हैं. वह ओडिशा में दो बार विधायक रह चुकी हैं और उन्हें नवीन पटनायक सरकार में मंत्री पद पर भी काम करने का मौका मिला था. उस समय बीजू जनता दल और बीजेपी के गठबंधन की सरकार थी. ओडिशा विधानसभा ने द्रौपदी मुर्मू को सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से भी नवाजा गया था.
Rani Sahu
Next Story