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पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान रोजगार एक बड़ा मुद्दा बना था। सत्ता और विपक्ष ने युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था। लेकिन सरकार बनने के बाद भी युवाओं की सुध लेने वाला कोई नहीं है। जिसे लेकर युवाओं में काफी रोष व्याप्त है। सीटीईटी/बीटीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने स्थाई रोजगार के लिए धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि तेजस्वी ने पहली कैबिनेट में युवाओं को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी। NDA के सरकार में बिहार में 2 लाख 35 हजार सरकारी नौकरी के पद खाली थे। जिसमें से 1 लाख 15 हजार शिक्षा विभाग में ही पद खाली पद थे। इसी पद के लिए युवा भर्ती की मांग कर रहे है। इस दौरान प्रदर्शन कर रहे युवाओं को बीजेपी ऑफिस पर बुलाकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल ने प्रेस वार्ता की।
उन्होंने कहा कि जब हम सरकार में थे नीतीश कुमार पर दवा बनाते तो सरकारी नौकरी 235000 की वैकेंसी निकाली जाए। सरकार बदलने के बाद सरकार नौकरियों को मेला लगा रही है। उन लोगों को नियुक्ति पत्र दे रही है जो पहले ही जॉइनिंग कर चुके थे। उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जब तेजस्वी को कहते थे कि हमारी सरकार बनेगी तो 10 लाख युवाओं को नौकरी देगे। उन्होंने कहा कि तब नीतीश जी तेजस्वी का मजाक उड़ा कर बोलते थे कि क्या तुम्हारे बाबूजी जेल से नौकरी लाकर देंगे। संजय जायसवाल ने कहा कि सीटीईटी/बीटीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के साथ भारतीय जनता पार्टी खड़ी है। हम युवाओं के लिए रोजगार के मुद्दे को उठाते रहेंगे। संजय ने कहा कि तेजस्वी से मैं हाथ जोड़कर आग्रह करता हूं कि उत्तीर्ण शिक्षकों को नौकरी दी जाए। उन्होंने कहा कि जल्द ही सरकार युवाओं के रोजगार के मुद्दे पर कोई ठोस फैसला नहीं लेती है तो हम 13 दिसंबर से सदन में रोजगार के मुद्दे को उठाएंगे। सदन में सरकार सकारात्मक जवाब नहीं देगी तो विधानसभा शांति से नहीं चलने दिया जाएगा।
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