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जनता से रिश्ता : राष्ट्रपति उम्मीदवारों के नाम की घोषणा होने के बाद बिहार में में राजग ने एक बार फिर से एकजुटता दिखाई है। एनडीए की तरफ से झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को कैंडिडेट बनाया गया है, जबकि विपक्ष ने यशवंत सिन्हा को मैदान में उतारा है। मुर्मु के पक्ष में जदयू, हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के सभी घटक दलों ने अपनी सहमति देकर पीएम मोदी के फैसले का स्वागत किया है। वहीं मुख्य विपक्षी दल और लालू यादव की पार्टी यशवंत सिन्हा के साथ खड़ी है। इसको लेकर बिहार से राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
'पुनर्विचार करें यशवंत सिन्हा'
पूर्व उप मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ चुनाव लड़ने पर यशवंत सिन्हा पुनर्विचार करें। मुर्मू आदिवासी महिला हैं और आदिवासी-बहुल झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं।
'लालू यादव पर निशाना'
पूर्व सीएम और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने लालू यादव पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि बिहार में मुख्य विपक्षी दल राजद यदि दलितों-पिछड़ों और आदिवासियों के हित की बात करता है, तो वह बताए कि उसे राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार एक आदिवासी महिला का समर्थन क्यों नहीं करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भाजपा-नेतृत्व वाले एनडीए ने पहले डा. एपीजे अब्दुल कलाम के रूप में एक मुस्लिम को राष्ट्रपति बनाया। उसके बाद दलित समाज के रामनाथ कोविंद को देश का सर्वोच्च आसन प्रदान किया गया। आजादी के बाद पहली बार एनडीए ने अब एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनाने का संकल्प लिया है। इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए प्रधानमंत्री और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को बधाई।
सोर्स-jagran
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