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बिहार के कटिहार में मूलाधार बारिश की चपेट में आने से कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. तस्वीरें बारसोई प्रखंड इलाके की है, जहां जलभराव से सड़क का नामोनिशान मिट गया. आप देख सकते हैं कि कैसे एक पुलिया पानी में समा चुकी है. पुलिया पर फंसे बाइकसवार को मौके पर मौजूद लोग रेस्क्यू कर रहे हैं. जहां पहले खेत होते थे वहां अब सैलाब का कब्जा है. किसानों की फसलें बरसात की भेंट चढ़ चुकी हैं. बारसोई प्रखंड के कई पंचायत बाढ़ से हाहाकार कर रहे हैं. बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित बिघोर पंचायत और कमरोल पंचायत है. जहां बाढ़ ने काफी नुकसान किया है. बिघोर पंचायत की कई सड़कें जलमग्न हो चुकी है.
कटिहार में बाढ़ से हाहाकार
लोगों की आवाजाही दूभर हो रही है. बारिश के बाद कई गांव का संपर्क टूट गया है. जैसे डेग्रापारा, नेजराबारी और खिजनदारी जैसे गांवों का संपर्क मुख्यालय से पूरी तरह से टूट चुका है. बाढ़ से हुई बर्बादी को देखते हुए बारसोई सीईओ ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और बाढ़ पीड़ितों को हर संभव मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया. साथ ही जिन गावों का संपर्क शहर और मुख्यालय से टूट गाया है. उन गावों में जल्द से जल्द नाव मुहैया कराए जाने की बात भी कही. हालांकि कटिहार के बारसोई प्रखंड में हर साल लोग बाढ़ की विभीषिका झेलते हैं.
बाढ़ की भेंट चढ़ी किसानों की फसलें
बाढ़ से आवाजाही तो मुहाल होती ही है. किसानों की फसलें भी हर साल बर्बाद हो जाती है. कटिहार के किसान शासन प्रशासन से उम्मीद लगाए बैठे हैं क्योंकि अगर जल्द खेतों से पानी निकासी का इंतेजाम नहीं किया गया, तो इस साल भी किसानों की फसलें बर्बाद हो जाएंगी. जरूरत है कि जनप्रतिनिधि और अधिकारी इस समस्या को गंभीरता से लें और बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को मदद मुहैया कराने के साथ ही पीड़ित किसानों के लिए भी मुआवजे का इंतजाम करें.
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