बिहार

बिहार: नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर रोक लगाए जाने पर जदयू और भाजपा आमने-सामने

Rani Sahu
4 Oct 2022 11:22 AM GMT
बिहार: नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर रोक लगाए जाने पर जदयू और भाजपा आमने-सामने
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पटना, (आईएएनएस)। पटना उच्च न्यायालय के मंगलवार को बिहार में इसी महीने होने वाले नगर निकाय चुनाव में अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण पर रोक लगा देने के फैसले को लेकर अब बिहार की सियासत गर्म हो गई है। सत्तारूढ़ जनता दल (युनाइटेड) जहां केंद्र सरकार पर निशाना साध रही है, वहीं भाजपा इसे लेकर राज्य सरकार को कोस रही है।
पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने नगर निकाय चुनाव में आरक्षण के खिलाफ दायर याचिका पर मंगलवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों को सामान्य में अधिसूचित कर चुनाव कराने का आदेश दिया है। खंडपीठ ने साथ ही यह भी कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग चाहे तो वह मतदान की तारीख को आगे बढ़ा सकता है।
जदयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बिहार में चल रहे नगर निकायों के चुनाव में अतिपिछड़ा आरक्षण को रद्द करने एवं तत्काल चुनाव रोकने का उच्च न्यायालय का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसा निर्णय केन्द्र सरकार और भाजपा की गहरी साजिश का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि अगर केंद्र की सरकार ने समय पर जातीय जनगणना करावाकर आवश्यक संवैधानिक औपचारिकताएं पूरी कर ली होती, तो आज ऐसी स्थिति नहीं आती। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार और भाजपा के इस साजिश के खिलाफ जदयू आंदोलन करेगा। शीघ्र ही पार्टी कार्यक्रम की घोषणा करेगी।
इधर, भाजपा के प्रदेंश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने कहा कि आज पूरा बिहार इस बात को पहचान गया है कि नितीश कुमार आरक्षण के विरोधी हैं। आज तक पिछड़ों और अति पिछड़ों को जो भी आरक्षण मिला है वह भाजपा के साथ रहने के कारण नीतीश कुमार ने मजबूरी में दिया था।
उन्होंने कहा कि तत्कालीन उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद सभी नगर निगम और नगर परिषद क्षेत्रों का आरक्षण का रोस्टर बना रहे थे, लेकिन तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार ने जानबूझकर आरक्षण का रोस्टर बनाए बिना ही नगर निकाय के चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू करा दिए जिससे कि सभी बिहार की सीटें विवाद में पड़ जाएं।
इधर, भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री और प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जानबूझकर पिछड़ा, अति पिछड़ा को धोखा दिया। उन्होंने सवालियया लहजे में कहा कि नीतीश कुमार बताएं कि आयोग गठन करने की जिम्मेदारी किसकी थी। उन्होंने सवाल करते हुए यह भी कहा कि मुख्यमंत्री बताएं कि बिना तैयारी के चुनाव प्रक्रिया क्यों शुरू किया गया।
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