बिहार

बिहार : कटिहार में लोग चचरी पुल के सहारे, जान जोखिम में डालकर आने-जाने को मजबूर

Tara Tandi
22 July 2023 7:26 AM GMT
बिहार : कटिहार में लोग चचरी पुल के सहारे, जान जोखिम में डालकर आने-जाने को मजबूर
x
कटिहार के अमदाबाद प्रखंड अंतर्गत गोपालपुर से चामा गांव को जोड़ने वाली टूटा हुआ पुल यहां के लोगों के लिए नियति बन चुकी है. स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि यह पुल 2008 में निर्माण कराई गई थी, लेकिन उसी वर्ष इस पुल का उद्घाटन किया जाना था. पुल में इस प्रकार से भ्रष्टाचार किया गया कि 2008 की बाढ़ में पुल ऐसे बह गया कि मानो कोई खरपतवार हो. तब से यह टूटा हुआ पुल लोगों की नियति बनी हुई है. तीन पंचायत के लगभग 30 हजार से 40 हजार की आबादी इस पुल पर निर्भर है. यहां तक की अधूरे पुल की वजह से बाल-बाल बचे लोग अपनी जान जोखिम में डालकर आना-जाना करते हैं.
2008 से लोगों को मिल रहा आश्वासन
आए दिन घटनाएं घटती रहती है, कभी किसी का गिरकर पैर टूट जाता है तो कभी हाथ. अच्छे-अच्छे घर परिवार के लोग यहां के लोगों से इस सड़क के कारण रिश्ता भी जोड़ने से कतराते हैं.
अगर किसी प्रकार की कोई इमरजेंसी आ जाए तो 12 किलोमीटर घूम कर अमदाबाद मुख्यालय आना पड़ता है. यहां पर कई बार एमपी एमएलए आए, लेकिन 2008 के बाद से सिर्फ आश्वासन ही मिला है. अब पुल निर्माण हो जाएगा, कुछ दिन बाद पुल निर्माण हो जाएगा, लेकिन यहां के लोगों को सिर्फ और सिर्फ आश्वासन ही मिला.
चचरी पुल के सहारे लोग
विधान पार्षद प्रतिनिधि अरुण कुमार चौधरी का कहना है कि बिहार में सुशासन बाबू की सरकार है. यहां सिर्फ और सिर्फ लोगों को आश्वासन मिलता है और रही बात पुल ढहने की, यह कोई बड़ी बात नहीं है. आए दिन बिहार में पुल ढहते रहते हैं. सिर्फ और सिर्फ पुल निर्माण के नाम पर लूटखसोट मचा है. माननीय सांसद महोदय जी से आग्रह है झूठे वादे करना बंद करें, जनता आक्रोश में है, लोगों के विश्वास पर खरे उतरे. लोग वहां निजी कोष से हर वर्ष चचरी पुल का निर्माण करते हैं और उसी के सहारे अब तक आना-जाना करते आ रहे हैं, लेकिन किसी का उस पर ध्यान नहीं गया. लोग चर्चिल को अपना नियति मान चुके हैं.
Next Story