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पटना (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधानसभा मार्च के दौरान भाजपा के एक नेता की मौत को लेकर सरकार का दावा है कि सिंह की मौत गिरने की वजह से हुई है। इधर, भाजपा इसेे हत्या करार दे रही है। सरकार का दावा है कि प्रदर्शनकारियों को प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करने से रोकने के लिए पुलिस द्वारा हल्का बल प्रयोग कर उन्हें तितर-बितर किया गया।
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि इस बीच सूचना मिली कि जहानाबाद के एक व्यक्ति की पीएमसीएच में मौत हो गई है। उनके साथी भरत प्रसाद चंद्रवंशी, जो जहानाबाद के निजामुदीपुर के रहने वाले हैं, ने बताया कि वे लोग कार्यक्रम स्थल पहुंचे भी नहीं थे कि पता चला, वहां भगदड़ मच गई है और बहुत से लोग उधर से वापस भाग रहे थे, इसी बीच विजय सिंह बेहोश हो कर गिर गए।
चंद्रवंशी के मुताबिक, ''हमलोग उन्हें तुरंत तारा हॉस्पिटल ले गए। फिर वहां से उन्हें एम्बुलेंस द्वारा पीएमसीएच ले जाया गया, जहां थोड़ी देर बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।''
बयान में कहा गया है कि विजय सिंह के शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं पाया गया है। दंडाधिकारी के समक्ष मृतक सिंह का पोस्टमार्टम किया गया। जिलाधिकारी द्वारा मेडिकल बोर्ड गठित कर मृतक का पोस्टमार्टम कराने और संपूर्ण पोस्टमार्टम प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराने का निर्देश दिया गया है। इसके बाद ही मौत के वास्तविक कारण की जानकारी मिल सकती है। सीसीटीवी फ़ुटेज की मदद से भी पूरे मामले की जांच की जा रही है। पटना के ज़िलाधिकारी ने पूरे घटनाक्रम पर अपर ज़िला दंडाधिकारी (विधि-व्यवस्था) और नगर पुलिस अधीक्षक (मध्य) से 24 घंटे के अंदर संयुक्त जांच रिपोोर्ट की मांग की है। इधर, भाजपा का दावा है कि पुलिस के लाठी चार्ज में सिंह की मौत हुई है।
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