बिहार

बिहार : मुंगेर की आठ पंचायत हुए बाढ़ प्रभावित

Ritisha Jaiswal
24 July 2022 12:07 PM GMT
बिहार : मुंगेर की आठ पंचायत हुए  बाढ़ प्रभावित
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सदर प्रखंड की आठ पंचायतें बाढ़ प्रभावित है। बाढ़ की वजह से हर वर्ष दर्जनों गांव व सैकड़ों परिवार प्रभावित होते हैं।

सदर प्रखंड की आठ पंचायतें बाढ़ प्रभावित है। बाढ़ की वजह से हर वर्ष दर्जनों गांव व सैकड़ों परिवार प्रभावित होते हैं। रोजी-रोजगार सहित ग्रामिणों का जीवन भी अस्त-व्यस्त हो जाता है। बाढ़ आने से पहले ही कई आंखों में पुराना मंजर याद आ रहा है। प्रखंड की एक पंचायत के लोग गुजर रहे हैं। दरअसल, मुफस्सिल थाना के कुतलूपुर पंचायत की स्थिति भयावह हो रही है। गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण कटाव का खतर बढ़ रहा है। हर दिन दियारा में कटाव हो रहा है। कुतलूपुर गांव से महज 300 मीटर की दूरी पर गंगा का कटाव शुरू हो गया है। इस कटाव के डर से दर्जनों परिवार डरे-सहमे हैं। यहां के लोगों की दिन का चैन रात की नींद गायब हो गई है। किसान शुभाकर ने अपने दर्द को साझा करते हुए कहा की पिछले वर्ष सैकड़ों एकड़ जमीन गंगा में पूरी तरह विलीन हो गया है। यदि इस बार भी समय पर जिला प्रशासन की ओर से ठोस कदम नही उठाया तो कई एकड़ खेत गंगा फिर गंगा में समा जाएगा।

वर्षों से उठ रही रिंग बांध की मांग
कुतलूपुर के किसान शुभांकर, निलेश सिंह, मनोज कुमार चौधरी, निरंजन सिंह ,गौतम चौधरी, संजय चौधरी सहित सैकड़ों लोगों के बीच गांव के अस्तित्व को लेकर भय व्याप्त है। लोगों ने बताया कुछ दिन पहले कटावरोधी कार्य सरकार की ओर से किया गया है, लेकिन इससे बाढ़ का खतरा टलने वाला नहीं है। पश्चिम दिशा की ओर से रिंग बांध नहीं बनाया गया तो गांव का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। ग्रामीणों ने रिंग बांध बनाने की मांग की है। गांव गंगा में विलीन हुआ तो कई परिवारो की रोजी-रोटी तथा जीवन-यापन का संकट हो जाएगा।
-04 प्रखंड की पंचायतें सर्वाधिक होता है प्रभावित
-03 पंचायत धरहरा प्रखंड क्षेत्र का आता है चपेट में
-01 लाख से ज्यादा की आबादी के बीच मचती है तबाही
-04 घंटे में एक सेमी जिले में बढ़ रहा गंगा का जलस्तर
बाढ़ रहा गंगा का जलस्तर
दो से तीन दिनों में में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। 24 जुलाई को 33.73 मीटर जलस्तर दर्ज किया गया। गंगा का खतरा का निशान 39.33 मीटर है, अभी जलस्तर 5.6 मीटर दूर है। केंद्रीय जल आयोग के स्थलीय प्रभारी सुरेश चौधरी ने बताया की उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुए मूसलाधार वर्षा के कारण गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने बताया कि 24 घंटे में गंगा का जलस्तर 12 सेमी बढ़ रहा है। उन्होंने कहा की जिले में अभी गंगा खतरे के निशान से नीचे बह रही है। रविवार को गंगा का जलस्तर 33.73 मीटर पहुंचा है। केंद्रीय जल आयोग का मानना है कि इसी रफ्तार से जलस्तर बढ़ता रहा तो एक सप्ताह के अंदर खतरे के निशान पार कर जाएगा। जिले के चार प्रखंड धरहरा, जमालपुर, सदर और बरियारपुर बाढ़ प्रभावित रहता है।
बरियापुर प्रखंड की 11 पंचायतें हैं प्रभावित
बरियारपुर प्रखंड की 11 पंचायत बाढ़ से प्रभावित रहते हैं। लगभग 80 हजार की आबादी हर साल प्रभावित होती है। सबसे ज्यादा प्रभावित पंचायत नीरपुर,पड़िया, करहरिया पूर्वी,करहरिया पश्चिमी, कल्याणटोला, हरिणमार, झौवाबहियार पंचायत के लोग होते हैं। बरियारपुर दक्षिण बरियारपुर उत्तरी, रतनपुर और करहरिया दक्षिणी पंचायत की आधी आबादी बाढ़ से प्रभावित होती है। प्रशासन की ओर से बाढ़ की कागजी तैयारी हो रही है। बाढ़ आने पर लोगों को ऊंचे स्थानों पर रखने के लिए विद्यालयों में सुविधा की जांच की जा रही है।
जमालपुर प्रखंड में दिखता है असर
जमालपुर प्रखंड की पांच पंचायत बाढ़ से हड़ताल प्रभावित होता है जिसमें सिंधिया,परहम, पश्चिमी इंद्ररुख पंचायत, इटहरी, रामपुर कला पंचायत शामिल है वही इन पांचों पंचायत के लगभग 12 हजार आबादी हर साल बाढ़ से प्रभावित होता है। कुछ दिन पूर्व बाढ़ कटाव का जायजा लिया गया था।
हेमजापुर के लोग भी झेलते हैं दंश
हेमजापुर के इलाके में जब बाढ़ आती है तो तीन पंचायतें टापू में तब्दील हो जाता है। एक तरफ गंगा नदी का पानी दूसरी तरफ टाल क्षेत्र के पानी आने से कई गांव जलमग्न हो जाते हैं। 15 से 20 हजार की आबादी बाढ़ की चपेट में आ जाती है। शनिवार से ही गंगा नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि होनी शुरू हो गई है। जिससे गंगा तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों में चिंता व्याप्त होने लगी है।


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