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पटना (आईएएनएस)| बिहार में पूर्व सांसद और बाहुबली आनंद मोहन सहित 27 लोगों की जेल से रिहाई को लेकर उठे सवाल के बाद गुरुवार को सरकार ने सफाई दी है। बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि जो नियमों में संशोधन है, वह यह एक सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया है।
उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि इस संशोधन के जरिए किसी को लाभ या नुकसान पहुंचाना नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी लोकसेवक और आम नागरिक की हत्या के मामले में अंतर रखना सही नहीं है, इसको महसूस करते हुए नियम में बदलाव किया गया है।
इसी के तहत आनंद मोहन को जेल से सारी शर्तों को पूरा करने के बाद रिहा किया गया।
सुबहानी ने बताया कि बिहार में पिछले 6 सालों में आजीवन कारावास की सजा पाने वाले ऐसे 698 कैदियों को समय-समय पर रिहा किया गया है।
उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार की सरकार भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी जी. कृष्णया की हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे बिहार के पूर्व सांसद आनंद मोहन सहित राज्य की विभिन्न जेलों में 14 वर्ष से अधिक समय से बंद 27 अन्य कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया है। इसके तहत आनंद मोहन सहित कई कैदियों को रिहा भी किया गया है।
इस आदेश के बाद बिहार की राजनीति गर्म हो गई। भाजपा ने भी आनंद मोहन की आड़ में दुर्दांत अपराधियों को जेल से रिहा करने का आरोप लगाया। आईएएस एसोसिएशन ने भी इसका विरोध जताया है।
--आईएएनएस
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