जनता से रिश्ता वेबडेस्क : बिहार में बिजली संकट पर बिजली कंपनी और एनटीपीसी आमने-सामने आ गई है। एक ओर बिजली कंपनी ने कहा है कि एनटीपीसी की उत्पादन इकाइयां बंद होने के कारण बिहार को कोटा के अनुसार बिजली नहीं मिल पा रही है। इस कारण राज्य में लोडशेडिंग करना पड़ रहा है। दूसरी ओर एनटीपीसी ने कहा है कि बिहार की ओर से एक दिन में 12 से 16 घंटे तक 55 फीसदी से कम बिजली ली जा रही है। कम मांग के कारण उत्पादन इकाइयों में खराबी आ रही है, जिससे बिजली घरों को बंद करना पड़रहा है।
बिजली जेनरेशन कंपनी के एमडी महेन्द्र कुमार ने कहा कि एनटीपीसी की ओर से बिजली नहीं लेने की बात बेमानी है। नवीनगर यूनिट से बिहार का कोटा मात्र 10 फीसदी है तो रेलवे के हिस्से में 90 फीसदी बिजली है। 10 फीसदी के लिए हम पूरी बिजली लेने को बाध्य नहीं हैं। इसी तरह कहलगांव यूनिट के स्टेज दो में बिहार का कोटा मात्र पांच फीसदी है। ऐसे में पांच फीसदी बिजली लेने के लिए हम यूनिट चलाने के लिए बाध्य नहीं हैं। एमडी ने कहा कि बिहार में घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या 90 फीसदी है। औद्योगिक कनेक्शन की संख्या कम होने से हम चौबीसों घंटे अधिक बिजली ले नहीं सकते हैं। रात में जब पीक आवर में जब जरूरत होती है