बिहार

लंपी वायरस से ग्रसित हो रहे पशु, पशुओं में लंपी के लक्षण

Harrison
19 Sep 2023 1:54 PM GMT
लंपी वायरस से ग्रसित हो रहे पशु, पशुओं में लंपी के लक्षण
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बिहार | इन दिनों गाय एवं भैंस में लंपी का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. जिले के कई प्रखंडों में भी गायों में लंपी का संक्रमण पाया गया है. जिला पशुपालन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार लंपी का प्रसार वर्तमान में खड़गपुर, टेटिया बंबर एवं असरगंज प्रखंड में पाया गया है. जिले में अब तक लंपी से 43 गायें संक्रमित पाई गई हैं.
पशुओं में लंपी के लक्षण जिला ग्रामीण पशु चिकित्सा पदाधिकारी (चलंत), डॉ अभयेन्द्र कुमार पंडित ने बताया कि लंपी एक विषाणु जनित संक्रामक बीमारी है, जो गांठ अथवा फोड़े के रूप में गाय एवं भैंस के चमड़े पर आक्रमण करता है. उन्होंने इसके लक्षण के संबंध में बताते हुए कहा कि, इस बीमारी में पशु के चमड़े पर गांठ उभर आता है, पशु को बुखार आता है, भूख की कमी हो जाती है, आंख से आंसू बहते रहता है मुंह से लार गिरते रहता है और दूध में कमी हो जाती है. बीमारी के बढ़ने पर पैर में सूजन होताहै.
रोकथाम एवं उपचार डॉ पंडित ने बताया कि, यह एक घातक संक्रामक बीमारी है. इसकी अनदेखा करने पर पशु की मौत भी हो सकती है. लंपी से ग्रसित गाय से दूसरी गाय को भी यह बीमारी होती है. इसके रोकथाम के लिए पशुपालकों को संक्रमित गाय को अन्य पशुओं से इसका लक्षण दिखाई देते ही अलग कर देना चाहिए.
तुरंत चिकित्सक से संपर्क कर समुचित इलाज कराना चाहिए. इसके साथ ही सरकार एवं पशुपालन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए निर्देशों का पालन करना चाहिए. पशुपालकों को अपने पशुओं का टीकाकरण अवश्य करना चाहिए.
कुछ महीने पूर्व जिले में विभाग द्वारा लंपी वायरस के विरुद्ध टीकाकरण अभियान चलाया गया था. इससे मुंगेर में रोग की भयावहता कम दिखाई पड़ रही है. जिला पशुपालन विभाग लंपी को लेकर सजग है. मेडिकल टीम का गठन जिला एवं प्रखंड स्तर पर किया गया है. इसके साथ ही चलंत पशु चिकित्सालय के माध्यम से विशेष रूप से प्रभावित प्रखंडों में शिविर लगाकर पशुपालकों को लंपी के विरुद्ध जागरूक तो किया ही जा रहा है, बीमार पशुओं का इलाज एवं चिकित्सकीय सलाह भी दी जा रही है.
- डॉ नरेंद्र कुमार सिंह, सहायक जिला पशुपालन पदाधिकारी
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