बिहार में फुलवारी टेरर केस का खुलासा कर चर्चा में आए पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बिहार पुलिस मुख्यालय को एक लंबी-चौड़ी चिट्ठी लिखी है. अब लोगों के बीच ये कौतूहल का सब्जेक्ट है कि आखिर उन्होंने अपनी इस चिट्ठी में क्या लिखा है? वैसे भी पीएफआई के शारीरिक शिक्षा कैंप की तुलना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा से करने के बाद एसएसपी विवादों में घिर गए हैं. ऐसे में उनकी ये चिट्ठी कई मायनों में अहम है.
एटीएस को ट्रांसफर होगी जांच
पटना एसएसपी ने अपनी चिट्ठी में फुलवारी शरीफ टेरर मामले और गजवा-ए-हिंद को लेकर कई जानकारियां पुलिस हेडक्वार्टर को दी है. एसएसपी ढिल्लों ने पत्र में पूरी घटना का जिक्र करते हुए इस मामले की जांच कमान एटीएस को सौंपने की अपील की है. फिलहाल दोनों मामले की जांच का जिम्मा पटना पुलिस के पास है, जबकि आईबी, एनआईए और बाकी एजेंसियां पटना पुलिस की मदद कर रही हैं.
अगर पटना एसएसपी की चिट्ठी पर पुलिस हेडक्वार्टर गौर करता है तो दोनों मामले यानी गजवा-ए हिंद और फुलवारी टेरर केस की जांच एटीएस को मिल जाएगी. दोनों मामलों में अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन सामने आने के बाद एसएसपी ने पुलिस मुख्यालय से इन्हें पटना पुलिस से एटीएस को ट्रांसफर करने के लिए कहा है.
एसएसपी करना चाह रहे किनारा!
हालांकि कुछ जानकार इस मामले को पटना एसएसपी के करियर के सबसे विवादास्पद मामले के तौर पर भी देख रहे हैं. मानवजीत सिंह ढिल्लों इस मामले में बिहार राजनेताओं की ओर से की गई टिप्पणियों से क्षुब्ध हैं. उन्होंने इससे पुलिस मुख्यालय को भी अवगत करा दिया है. ऐसे में जानकारों का मानना है कि संभवतया इसीलिए पटना एसएसपी धीरे से इससे किनारा करना चाह रहे हैं.
जांच में सामने आई कई जानकारियां
वहीं दूसरी ओर जांच में कई खुलासे होने के बाद एसएसपी ने अपनी चिट्ठी में कहा है कि फुलवारी शरीफ से गिरफ्तार मरगूब अहमद दानिश ने उसके आतंकियों और कट्टरपंथियों के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े होने की बात स्वीकार कर ली है. वह पाकिस्तान में बैठे फैजान से कोड वर्ड में बात करता था. इतना ही नहीं एक दिन में पाकिस्तान से अलग-अलग नंबरों पर 3-4 बार व्हाट्सएप कॉल पर बात करता था.
पूछताछ के दौरान मरगूब ने पुलिस को ये भी बताया है कि भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने की योजना थी. गजवा-ए-हिंद ग्रुप में 2023 में सीधे जिहाद छेड़ने की बात को पाकिस्तान में बैठे फैजान के इशारे पर ही लिखा गया था. इन दोनों मामलों में पहले से चार राज्यों की एटीएस जांच में जुटी हुई है.