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क्या बिहार में समय से पहले चुनाव हो जाएंगे? ये सवाल इसलिए क्योंकि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दावे ने बिहार में सियासी हलचल तेज कर दी है. अब अमित शाह के दावे के बाद सीएम नीतीश कुमार ने जल्द चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया है. जहां सीएम नीतीश ने कहा कि बिहार विधानसभा और लोकसभा चुनाव जितनी जल्दी हो जाए, उतना बढ़िया और अच्छा रहेगा. समय से पहले चुनाव को लेकर बिहार में शुरू हुए सियासत तेजी ये जारी है.
शाह के दावे पर सीएम नीतीश का पलटवार
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मिथिलांचल और सीमांचल दौरे ने बिहार में नई सियासी बहस छेड़ दी है. जहां सनातन और राम मंदिर के बाद अब प्रदेश में समय से पहले चुनाव पर बयानबाजी तेज हो गई है. दरअसल मधुबनी के झंझारपुर में अमित शाह ने ये दावा किया कि जल्द ही बिहार में चुनाव होंगे. शाह के दावे के बाद पटना से लेकर दिल्ली तक सियासी सरगर्मी तेज हो गई. अब सीएम नीतीश कुमार ने शाह के दावे पर जवाब देते हुए कहा कि हम लोग कभी भी चुनाव के लिए तैयार. सीएम नीतीश कुमार यही नहीं रुके. उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि जितनी जल्दी चुनाव होगा उतना अच्छा. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना भी साधा.
सीएम के बयान पर बीजेपी का प्रहार
सीएम ने केंद्र को आड़े हाथ लिया तो बीजेपी भी कहां शांत रहने वाली थी. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने भी सीएम नीतीश पर पलटवार करते हुए कहा कि 24 घंटे में बिहार में चुनाव कराने के लिए तैयार हैं अगर नीतीश कुमार इस्तीफा दे दें. बीजेपी के सुर में सुर मिलाया LJP(R) अध्यक्ष चिराग पासवान ने. जिन्होंने ना सिर्फ सीएम पर निशाना साधा. बल्कि ये तक कह दिया कि सीएम नीतीश ने दो दशक से चुनाव नहीं लड़ा है इसलिए वो चुनाव से डर रहे हैं.
चुनाव से क्यों इतना डरते हैं सीएम नीतीश- चिराग
एक देश एक चुनाव की चर्चा इन दिनों सियासी गलियारों में खूब हो रही है. यही वजह है कि बार-बार ये दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार चुनावों को समय से पहले करा सकती है. हालांकि इन दावों के बीच सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही समय से पहले चुनाव होने पर भी अपनी जीत की बात कह रहा है, लेकिन सवाल उठता है कि क्या वाकई देश में चुनाव समय से पहले हो जाएंगे और अगर चुनाव हुए तो इससे किसको फायदा होगा और किसको नुकसान?
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