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बिहार | वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में सत्र 2024 -27 सत्र के लिए नव संबंधन, अस्थायी संबंधन और दीर्घीकरण के लिए 40 कॉलेजों ने आवेदन किये है. आवेदन करने वाले कॉलेजों ने इस बार राज्य सरकार उच्च शिक्षा विभाग के पोर्टल पर भी ऑनलाइन आवेदन किया है. अंतिम तिथि की शाम तक विवि कुलसचिव कार्यालय में आवेदन जमा किये गये.
इधर, से विवि ने जिलावार आवेदनों की स्क्रूटनी शुरू कर दी है. अगले सप्ताह में जिलावार स्क्रूटनी पूरी होने पर विवि कॉलेजों के भौतिक सत्यापन के लिए कमेटी गठित करने की कवायद तेज करेगा.
मालूम हो कि इस बार नव संबंधन सहित स्थायी संबंधन के लिए कॉलेजों को ऑनलाइन आवेदन करने के साथ साथ ऑफलाइन आवेदन विवि में जमा करना है. राज्य सरकार शिक्षा विभाग के पोर्टल पर नव संबंधनऔर स्थाई संबंधन की मांग करने वाले कॉलेजों के लिए तिथि निर्धारित थी. कॉलेजों ने ऑनलाइन आवेदन के दौरान अपलोड किए गये सभी कागजात ऑफलाइन में जमा किया गया है. इधर, वैसे कॉलेज जिन्होंने गत वर्ष संबंधन को आवेदन किया था और उनका आवेदन अस्वीकृत हो गया है, उन्होंने भी आवेदन किया है.
आवेदन प्राप्त होने के बाद मानक की होती है जांच बता दें कि विवि आवेदन प्राप्त होने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू करेगा. आवेदन प्राप्त होने के बाद विवि कॉलेजों के मानकों की जांच कराता है. इसके लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की जाती है. कमेटी की रिपोर्ट नवसंबंधन समिति में रखी जाती है. विवि स्तर पर संबंधन के लिए हर हाल में 30 अक्टूबर तक सिंडिकेट की बैठक कर लेनी होती है. सिंडिकेट की बैठक में कॉलेजों के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए सीनेट से अनुमोदन करा 15 जनवरी तक राज्य सरकार शिक्षा विभाग को प्रस्ताव भेज देना रहता है.
जमीन व भवन मामले पर विवि व सरकार सख्त मालूम हो कि संबद्धता के लिए कॉलेजों को मानक पूरा करना अनिवार्य होता है. राज्य सरकार और राजभवन द्वारा जारी शर्त को पूरा करने वाले कॉलेज को ही संबंधन मिलता है. शर्त के अनुसार देहाती क्षेत्र में कॉलेज के लिए पांच एकड़ और शहरी क्षेत्र में ढ़ाई एकड़ की भूमि चाहिए. यह भूमि दो से अधिक टुकड़ों में नहीं होनी चाहिए. इसके अलावा उस कॉलेज में एक संकाय के पांच कमरे का भवन होना चाहिए. कम से कम तीन संकाय के लिए 15 कमरा होना चाहिए. कॉलेज में पुस्तकालय, महिला व पुरुष के लिए शौचालय और प्रशासनिक भवन होना चाहिए. इसके अलावा अन्य मानक पूरा करना होता है. सरकार हाल के दिनों में जमीन और भवन पर ही सख्त रवैया अपनाती आ रही है.
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