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गोपालगंज : बिहार में उपचुनाव की घोषणा के बाद दोनों सीटों पर सियासी हलचल तेज हो गई है। आगामी 3 नवंबर को सूबे की दो सीटें मोकामा और गोपालगंज में मतदान होना है। बिहार में सियासी उलटफेर के बाद इस बार गठबंधन जययू के साथ आने के बाद सरकार में है। बता दें कि दोनों सीटों पर राजद समर्थित उम्मीदवार उतारा गया है। वहीं भाजपा ने दोनों सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं। इस बार गोपालगंज का मुकाबला बेहद दिलचस्प होता नजर आ रहा है क्योंकि इस बार, राजद, भाजपा, बसपा और ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम के उम्मीदवार मौदान पर होंगे।
एकलौता सीट जहां से 4 पार्टियां ठोक रही ताल
बुधवार को एआइएमआइएम ने अब्दुल सलाम मुखिया को गोपालगंज से प्रत्याशी बनाया है। पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान ने कहा कि 14 अक्टूबर को उम्मीदवार का नामांकन होगा। पार्टी ने दावा किया है कि गोपालगंज में जीत हमारी होगी। इसके बाद अब इस सीट पर सियासी गर्मी बढ़ गयी है। कई पार्टियों के आने के बाद गोपालगंज सीट का चुनाव दिलचस्प हो गया है और ऐसे में किसी भी पार्टी के प्रत्याशी के लिए यह चुनाव आसान नजर नहीं आ रहा है।
20 सालों से सीट पर भाजपा का रहा है कब्जा
हालांकि पिछले 20 सालों से ये सीट भाजपा के खाते में गयी है और भाजपा के कद्दावार नेता सुभाष सिंह यहां से जीत दर्ज करते रहे हैं, लेकिन अब उनके देहांत के बाद पार्टी ने उनकी पत्नी कुसुम देवी को यहां से मैदान में उतारा है। महागठबंधन की ओर से राजद ने यहां अपना प्रत्याशी दिया है जबकि पिछली बार दूसरे नंबर पर रहे लालू यादव के साले साधु यादव की पत्नी इंदिरा यादव ने बसपा से दावेदारी पेश की है।
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