लाइफ स्टाइल

आप भी जानिए प्रेगनेंसी के दौरान गर्भ में शिशु का वजन कैसे बढ़ाएं?

HARRY
10 Oct 2022 11:52 AM GMT
आप भी जानिए प्रेगनेंसी के दौरान गर्भ में शिशु का वजन कैसे बढ़ाएं?
x

प्रेगनेंसी के समय शिशु और मां का वजन सही होना जरूरी होता है। गर्भ में पल रहे शिशु का विकास मां के खानपान पर निर्भर करता है। शिशु के अच्छे विकास के लिए मां को हेल्दी चीजें खाने की सलाह दी जाती है।। दरअसल जन्म के समय बच्चे का वजन सही होना उसके स्वस्थ होने की निशानी होती है। प्रेगनेंसी में सही डाइट, एक्सरसाइज और जीवनशैली में कुछ बदलाव करके मांएं गर्भ में पल रहे शिशु का वजन ठीक कर सकती हैं। ध्यान रखें डॉक्टर की देखरेख में ही शिशु का वजन बढ़ाने के लिए डाइट शुरू करें। आइए जानते हैं कि मां किस तरह हेल्दी डाइट लेकर प्रेगनेंसी के दौरान गर्भ में पल रहे शिशु का वजन बढ़ा सकती हैं।

ड्राईफ्रूट्स

प्रेगनेंट महिलाएं डाइट में ड्राईफूट्स को शामिल करके शिशु का वजन बढ़ा सकती हैं। ड्राईफ्रूट्स के सेवन से एनीमिया से बचाव होता है और खून बढ़ाने में मदद मिलती है। ड्राईफ्रूट्स को खाने से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है। लेकिन ड्राईफ्रूट्स का सेवन करते समय ध्यान रखें कि ज्यादा मात्रा में इसका सेवन न करें। ज्यादा मात्रा में इसका सेवन मां और बच्चे दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है।

हरी सब्जियां

हरी सब्जियां पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं। इनके सेवन से मां और बच्चे दोनों की हेल्थ अच्छी रहती है। हरी सब्जियों के सेवन से शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा सही रहती है। हरी सब्जी में आयरन पाया जाता है, जो विकास के लिए बेहद जरूरी होता है। हरी सब्जियों के खाने से बच्चा जन्म के समय दिक्कतों से बच सकता है।

अंडे

अंडे का सेवन शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। अंडे में मौजूद प्रोटीन और एमिनो एसिड शिशु के विकास के लिए जरूरी होता है। इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करें। अंडे में मौजूद पोषक तत्व शिशु के दिमागी विकास के लिए अच्छे होते हैं। अंडे का सेवन नाश्ते या लंच में ही करें।

फल

फलों से शरीर को कई तरह के पोषक तत्व मिलते हैं, जो शिशु के विकास के लिए जरूरी होते हैं। फलों में फाइबर होता है, जो प्रेगनेंसी के दौरान कब्ज, अपच आदि की समस्याओं को दूर करते हैं। प्रेगनेंट महिला को कमरे के तापमान में रखे गए फल का ही सेवन करना चाहिए। प्रेगनेंसी में ठंडे फलों के सेवन से बचना चाहिए। ध्यान रखें प्रेगनेंसी में पपीते का सेवन न करें क्योंकि ये गर्भपात का कारण बन सकता है।

दाल

सभी तरह की दाल पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं। दालों में प्रोटीन, आयरन और विटामिन्स होने के कारण दाल सभी के लिए जरूरी होती है। दाल खाने से गर्भ में पल रहे शिशु का वजन सही रहता है। दाल में वसा की कम मात्रा होती है, जिस कारण प्रेगनेंट महिला के लिए ये और भी लाभदायक होती है। दाल खाने से इम्यूनिटी मजबूत होती है। प्रेगनेंट महिला ध्यान रखें कि दाल को ज्यादा मात्रा में न खाएं। कभी-कभी ज्यादा दाल खाने से बदहजमी और अपच की समस्या भी हो सकती है।

शिशु के संपूर्ण विकास के लिए भ्रूण में उसका वजन सही होना जरूरी होता है। सही वजन बच्चे को बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है। इन सब चीजों के सेवन करने से पहले डॉक्टर से बात अवश्य कर लें। प्रेगनेंसी में किसी भी चीज का सेवन ज्यादा मात्रा में न करें। ज्यादा मात्रा में सेवन करने से वह शिशु और आपकी हेल्थ के लिए हानिकारक हो सकता है।

Next Story