- Home
- /
- लाइफ स्टाइल
- /
- योग से कैंसर का खतरा...
x
कैंसर के बढ़ते खतरे के बारे में लोगों को अलर्ट करने और इससे बचाव को लेकर जागरूकता फैलाने को लेकर हर साल 'विश्व कैंसर दिवस' मनाया जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए बचाव के उपायों में नियमित योगासनों का अभ्यास करना भी बेहतर विकल्प हो सकता है।
योगासनों के नियमित रूप से अभ्यास से कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि रोजाना अगर 30 मिनट तक योग और शारीरिक अभ्यास जैसे वॉकिंग, तैराकी या साइकिलिंग किया जाए तो कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है। अध्ययनों में यह भी पाया गया है कि नियमित रूप से शारीरिक व्यायाम करने वाले लोगों में अन्य लोगों की तुलना में कैंसर का खतरा कम होता है। आइए जानें उन योगासनों के बारे में जानते हैं, जिनका अभ्यास करके आप भी कैंसर के खतरे से सुरक्षित रह सकते हैं।
गोमुखासन योग
गोमुखासन योग का अभ्यास शरीर के लिए कई तरह से लाभदायक माना जाता है। इस योग के अभ्यास से शरीर में स्थिरता बनने के साथ अंगों की स्ट्रेचिंग हो जाती है। शरीर में रक्त के संचार को बढ़ावा देने के साथ इस योग का नियमित रूप से अभ्यास कोशिकाओं को असामान्य तौर पर बढ़ने से रोकता है, जिससे कैंसर का खतरा कम हो सकता है। रोजाना 10-15 मिनट तक इस योग का अभ्यास किया जा सकता है।
प्राणायाम है लाभदायक
योग शास्त्र में प्राणायाम के अभ्यास को शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद बताया गया है। उज्जायी प्राणायाम तकनीक मन को शांत करने और शरीर के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में काफी लाभदायक माना जाता है। योग विशेषज्ञ बताते हैं कि कैंसर से पीड़ित रोगियों को रोजाना उज्जयी प्राणायाम करने की सलाह दी जाती है। यह प्राणायाम कैंसर के लक्षण और गंभीरता कम कम करने में सहायक है।
भुजंगासन योग का अभ्यास
भुजंगासन या कोबरा पोज योग रीढ़, कूल्हे की मांसपेशियों, छाती, पेट, कंधों, फेफड़ों को मजबूत करता है। तनाव को दूर करते हुए रक्त परिसंचरण में सुधार करने में भी इस योग को काफी फायदेमंद माना जाता है। मांसपेशियों की इस योग से स्ट्रेचिंग हो जाती है, जिससे कई तरह के कैंसर का खतरा कम हो जाता है। कैंसर की समस्या में कोबरा पोज फायदेमंद योगासनों में से एक है।
Next Story