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वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे (World Hypertension Day) प्रतिवर्ष 17 मई को मनाया जाता है। हाइपरटेंशन एक उच्च रक्तचाप यानी हाई ब्लड प्रेशर से संबंधित रोग हैं, जिसे मेडिकल की भाषा में हाइपरटेंशन (Hypertension) तथा आम भाषा में हाई बीपी कहा जाता है। 18 वर्ष की उम्र से ऊपर वाले किसी भी व्यक्ति को यह बीमारी हो सकती है। इतना ही नहीं अधिक तनाव भरी जिंदगी से यह रोग होता है।
हाइपरटेंशन या हाई बीपी की समस्या में धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ जाता है। इस दबाव की वृद्धि से रक्त की धमनियों में रक्त का प्रवाह बनाए रखने के लिए दिल को अधिक काम करने की आवश्यकता पड़ता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) के प्रति लोगों को जागरूक करना तथा इसके कारण और लक्षणों को पहचान कर इससे होने वाले गंभीर रोगों के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाना है।
हाइपरटेंशन क्यों, कब और कैसे : हेल्थ गाइडलाइन्स के मुताबिक 130/80 mmHg से ज्यादा रक्त का दबाव होने पर व्यक्ति हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर की श्रेणी में आ जाता है। वैसे तो हाई ब्लड प्रेशर शरीर के किसी अंग को कभी भी प्रभावित कर सकता है, लेकिन इससे सबसे ज्यादा नुकसान हृदय को होता है।
हाई ब्लड प्रेशर/ हाईपरटेंशन का खतरा महिलाओं से ज्यादा पुरुषों में होता है। आमतौर पर घर से दूर रहने वालों में यह ज्यादा देखा गया है। जैसे कि यह रोग तनाव, गलत खानपान, फैमिली हिस्ट्री और लाइफ स्टाइल आदि से होता है। कई बार जिंदगी में हमें तमाम तरह की मीठी-कड़वी बातों से रूबरू होना पड़ता है। ऐसे में क्रोध आना एक स्वाभाविक बात है, और यही से यह हमें अपनी चपेट में ले लेता हैं, क्योंकि क्रोध या गुस्सा यदि लत का रूप ले लें यानी कि आप हर बात पर ही क्रोध करने लग गए हैं, तो इस पर विचार करना जरूरी हो जाता है।
आपको बता दें कि बात-बात पर गुस्सा करने से हमारे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव होता और फिर हमें हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप के रोग से ग्रसित होना पड़ता है। यह भी देखा गया है कि जो व्यक्ति ज्यादा गुस्सा नहीं करते, वो कम ही बीमार होते हैं। इससे बचने के लिए हमें अपनी डाइट और लाइफ स्टाइल पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। साथ ही तनाव कम करके शरीर को सक्रिय बनाए रखना तथा हर रोज एक्सरसाइज करना बेहद जरूरी है।
आइए, अब जानते हैं हाइपरटेंशन के कुछ लक्षण, कारण और उपचार :
लक्षण-
* हाइपरटेंशन रोगी को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है।
* उच्च रक्तचाप/हाइपरटेंशन की स्थिति में व्यक्ति को शुरुआत में सिर के पीछे और गर्दन में दर्द रह सकता है।
* रक्तचाप बढ़ने पर व्यक्ति को धुंधला दिखने के साथ पेशाब के साथ खून निकलने की भी समस्या हो सकती है।
* कई बार रात में नींद न आने के साथ दिल की धड़कनों के बढ़ जाने की भी समस्या होती है।
* उच्च रक्तचाप होने पर चक्कर आना, थकान और सुस्ती जैसे लक्षणों की भी शिकायत हो सकती है।
कारण-
* अत्यधिक गुस्सा करना/ स्ट्रेस
* नींद की कमी
* मोटापा
* तैलीय पदार्थों और अस्वस्थ भोजन या अनियंत्रित खानपान
* नॉनवेज का अधिक सेवन
* नशीले पदार्थों का सेवन।
उपचार-
* गुस्सा भावना का एक प्रकार है। लेकिन जब यह आदत में बदल जाए तो इस पर नियंत्रण अवश्य करें।
* नियमित व्यायाम करें।
* शराब, धूम्रपान तथा सभी इस तरह के नशीले पदार्थों के सेवन दूर रहें।
* पुरानी बुरी और गुस्सा दिलाने वाली बातों से दूरी बना लें।
* अधिक सोच, विचार की आदत से दूरी बनाए तथा सकारात्मक बातें सोचें।
* कड़वी बातें सुनाने वालों से दूरी बनाए रखें।
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Apurva Srivastav
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