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साइलेंट हार्ट अटैक में क्यों नहीं होता दर्द

Apurva Srivastav
16 March 2023 12:40 PM GMT
साइलेंट हार्ट अटैक में क्यों नहीं होता दर्द
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साइलेंट हार्ट अटैक को मेडिकल की भाषा में साइलेंट मायोकार्डियल इन्फ्रेक्शन (silent myocardial infarction) कहा जाता है
इन दिनों आम लोग हों या सेलीब्रेटीज...कई लोगों की अचानक से मौत हो गई. वजह में पता चला कि हार्ट अटैक के चलते उनकी जान गई है. चिंता की बात यह है कि ऐसे लोग जिनमें कुछ समय पहले तक हार्ट अटैक का किसी भी तरह का लक्षण नहीं था, वे भी इसका शिकार बने हैं. कम उम्र में के लोग भी इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. इसे साइलेंट हार्ट अटैक (Silent Heart Attack) कहा जा रहा है. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, हार्ट अटैक के ज्यादातर मामले इन दिनों साइलेंट हार्ट अटैक हो रहे हैं. बिना किसी हार्ट डिजीज के भी साइलेंट हार्ट अटैक का जोखिम बना रहता है. आइए जानते हैं आखिर यह साइलेंट हार्ट अटैक होता क्या है..
साइलेंट हार्ट अटैक क्या होता है
साइलेंट हार्ट अटैक को मेडिकल की भाषा में साइलेंट मायोकार्डियल इन्फ्रेक्शन (silent myocardial infarction) कहा जाता है. इसमें हार्ट अटैक की तरह सीने में दर्द नहीं होता है और अटैक का पता ही नहीं चल पाता हैं. हालांकि कुछ सिम्टम्स जरूर महसूस होते हैं.
साइलेंट हार्ट अटैक में दर्द क्यों नहीं होता
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, कई बार ब्रेन तक दर्द का अहसास पहुंचाने वाली नसों या स्पाइनल कॉर्ड में समस्या होती है या फिर किसी साइकोलॉजिकल वजह से व्यक्ति दर्द की पहचान नहीं पाता है. ज्यादा उम्र वाले या डायबिटीज के मरीज में ऑटोनॉमिक न्यूरोपैथी की वजह से भी दर्ज का पता नहीं चलता है.
साइलेंट हार्ट अटैक के 5 संकेत
1. गैस्ट्रिक प्रॉब्लम या पेट में खराबी
2. बिना किसी कारण सुस्ती और वीकनेस
3. थोड़ा सा काम करने के बाद ही थक जाना
4. अचानक से ठंडा-ठंडा पसीना निकलना
5. अचानक से बार-बार सांस फूलना
साइलेंट हार्ट अटैक की वजह
ज्यादा ऑयली, फैटी और प्रोसेस्ड फूड खाना
फिजिकल एक्टिविटी का न होना
शराब और सिगरेट ज्यादा पीना
डायबिटीज और मोटापा की वजह से
स्ट्रेस और टेंशन लेने से
साइलेंट हार्ट अटैक से इस तरह करें बचाव
1. खाने में सलाद, वेजिटेबल्स ज्यादा से ज्यादा लें
2. रोजाना एक्सरसाइज, योग और पैदल चलें.
3. सिगरेट, शराब से परहेज करें.
4. खुश रहें और मूड अच्छा रखें.
5. स्ट्रेस और टेंशन से बचने की कोशिश करें.
6. नियमित तौर पर चेकअप करवाएं.
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