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फल आंवले को डायट में शामिल करना क्यों ज़रूरी है

Kajal Dubey
16 Jun 2023 4:07 PM GMT
फल आंवले को डायट में शामिल करना क्यों ज़रूरी है
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इन दिनों हम रोगप्रतिरोधक क्षमता अर्थात इम्यूनिटी बढ़ानेवाली चीज़ों के सेवन पर ख़ासा ज़ोर दे रहे हैं. सर्दियों का मौसम आते ही बाज़ार में आंवले की आमद बढ़ गई है. नींबू के आकार और हल्के हरे रंग वाला यह फल शरीर का कायाकल्प करने के लिए सदियों से आयुर्वेदिक नुस्ख़ों में इस्तेमाल किया जाता रहा है. च्यवनप्राश का मुख्य घटक आंवला ही होता है. औषधीय गुणों में शायद ही कोई फल इसकी बराबरी कर सके. आइए सर्दियों के इस फल के उन गुणों के बारे में जानते हैं, जो इसे बनाते हैं देसी सुपरफ़ूड.
पोषक तत्व और फ़ायदे
खट्टे और कसैले स्वाद वाले आंवले का सेवन हर मौसम में लाभदायक होता है, पर सर्दियों में इसका ख़ास इस्तेमाल किया जाता है. सभी फलों की तुलना में आंवले में विटामिन सी की मात्रा कहीं ज़्यादा होती है. इसके फ़ायदों के बारे में मोटा-मोटी कहें तो यह बालों की वृद्धि में सहायक है, बालों को मज़बूत और काला बनाए रखता है, पुरुषों में वीर्य की वृद्धि करता है. आंखों की रौशनी बढ़ाता है और ख़ून को भी साफ़ करता है. आयुर्वेद में आंवले को त्रिदोष यानी वात, पित्त और कफ़ का नाशक बताया जाता है.
आंवले के पोषक तत्वों में शामिल हैं, 81.2% पानी, 0.5% प्रोटीन, 0.1% वसा, 14.1% कार्बोहाइड्रेट, 3.4% फ़ाइबर, 0.05% कैल्शियम, 0.02% फ़ॉस्फ़ोरस पाए जाते हैं. वहीं 100 ग्राम आंवले में 600 मिलीग्राम विटामिन सी और 1.02 मिलीग्राम आयरन मिलता है. आंवले की एक ख़ास बात यह है कि इसमें पाया जानेवाला विटामिन सी इसके सूखने पर नष्ट नहीं होता. जबकि सच तो यह है कि 100 ग्राम सूखे आंवले में 100 ग्राम ताज़ा आंवले की तुलना में अधिक विटामिन सी पाया जाता है. कई शोधों में यह बात साबित हो चुकी है कि जितना विटामिन सी 16 केलों और 3 संतरों में मिलता है, उससे अधिक मात्र एक आंवले में मिल जाता है.
आंवले के औषधीय उपयोग
वैसे तो आंवले का सही फ़ायदा पाने के लिए उसका रस निकालकर पीना सबसे अच्छा होता है, पर आंवले का सेवन कई और तरीक़ों से भी किया जा सकता है. आंवले का रस निकालने के लिए पहले उसके छोटे-छोटे टुकड़े करके बीज निकाल लें. इन टुकड़ों को जूसर में डालकर जूस निकाल लें. आप कद्दूकस करके भी इसका जूस निकाल सकते हैं. आंवले को काटते समय एक सावधानी रखनी चाहिए, इसे लोहे के बजाय स्टील के चाकू से काटना अच्छा रहता है, क्योंकि लोहे के संपर्क में आने से आंवले के औषधीय गुण नष्ट होने लगते हैं. आंवले का जूस पीने का सबसे अच्छा समय है सुबह ख़ाली पेट. चूंकि आंवले का स्वाद कसैला होता है तो कई लोगों को इसके जूस का स्वाद भी अच्छा नहीं लगता. इसलिए तमाम औषधीय गुणों के बावजूद लोग इससे दूरी बनाए रखते हैं. ऐसे लोगों के लिए बेहतर होगा कि वे इसमें थोड़ा शहद या गुड़ मिला लें. इससे भी मन न भर रहा हो तो आंवले के मुरब्बे बनाकर इसका सेवन करें. यानी कैसी भी करें, पर इसका सेवन ज़रूर करें.
आंवला हमारे यूरीनरी ट्रैक को साफ़ करता है. यदि आपको पेशाब से जुड़ी किसी तरह की समस्या हो तो नियमित रूप से ताज़े आंवले का रस पीजिए कुछ दिनों में फ़ायदा होता दिखेगा. बांझपन और वीर्य की कमज़ोरी में भी आंवला रामबाण है. आंवले का रस आंखों की रौशनी को बढ़ाने में भी बेहद कारगर है. ख़ून से जुड़ी गड़बड़ियां और कब्ज़ में भी आंवला लाभदायक है. यह बेहतरीन इम्यूनिटी बूस्टर तो है ही. जब इतने सारे गुणों से भरा यह फल बाज़ार में उपलब्ध है तो इसका फ़ायदा उठाने के लिए इतना सोचना क्या?
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