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क्यों मनाया जाता है पंचायती राज दिवस

Apurva Srivastav
23 April 2023 2:43 PM GMT
क्यों मनाया जाता है पंचायती राज दिवस
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24 अप्रैल के दिन नेशनल पंचायती राज दिवस मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि भारत का दिल उसके गावों में है और देश की समृद्धि भी गावों से ही आती है. भारत में करीब 6 लाख से ज्यादा गावों बसे हैं जो 6 हजार से ज्यादा ब्लॉक और 750 से ज्यादा जिलों में बंटा हुआ है. पंचायती राज का मतलब स्वशासन से होता है और यह व्यवस्था शासन के विकेंद्रीकरण के अंतर्गत आता है. पंचायती राज संस्था को भारत के सबसे पुराने शासी निकायों में रखा जाता है. सत्ता के विकेंद्रीकरण को यादगार रखने के लिए हर साल 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाते हैं. चलिए आपको इसका इतिहास और महत्व भी समझाते हैं.
24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस क्यों मनाया जाता है? (National Panchayati Raj Day)
पंचायत को पांच सदस्यों की सभा कहते हैं जो स्थानीय समुदायों के विकास और उत्थान का काम करते हैं. स्थानीय स्तर पर जो भी विवाद होते हैं वो पंचायत के तहत सुलझाए जाते हैं. पंचायती राज व्यवस्था का जनक लॉर्ड रिपन हैं जिन्होंने साल 1882 में स्थानीय संस्थाओं को उनका लोकतांत्रिक ढांचा प्रदान किया. अगर देश में किसी गांव की हालत खराब है तो उस गांव को सशक्त बनाने के लिए ग्राम पंचायत ही कदम उठाती है.
बलवंत राय मेहता ने समिती को सुझाव दिया जिसके बाद तत्कालीन पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 2 अक्टूबर 1959 को राजस्थान के नागौर जिले में पंचायती राज व्यवस्था लागू की इसके बाद आंध्र प्रदेश में इसकी शुरुआत हुई. साल 1957 में बलवंत राय मेहता कमेटी बनी जिसने त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था की बात की. धीरे-धीरे इसपर पूरे भारत में काम हुआ. 24 अप्रैल 2010 को पहली बार राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया गया और तब से हर साल इसी दिन इस दिन को मनाया जाता है.
पंचायती राज दिवस थीम (National Panchayati Raj Day Theme)
भारत में इस बार 12वां पंचायती दिवस मन रहा है तो इस समारोह में भी थीम जरूर रखा गया है. इस साल देश के अलग-अलग स्तर के समारोह, सेमिनार और कई दूसरे कार्यक्रम होंगे. पीएम मोदी इस बार जम्मू के सांबा जिले में पंचायती राज दिवस मनाएंगे. इस साल मुख्य आकर्षण पुरस्कार समारोह को रखा गया है जिसमें पंचायतों में अच्छा काम करने वालों को पुरस्कार दिया जाएगा. इसमें इन 5 श्रेणी में पुरस्कार रखे गए हैं-
1. ग्राम पंचायत विकास योजना पुरस्कार
2. दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार
3. ई-पंचायत पुरस्कार
4. बाल हितैषी पंचायत अवॉर्ड
5. नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम पुरस्कार
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