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लाइफ स्टाइल
सेकेंड हैंड स्मोकिंग क्यों और कितना खतरनाक, कौन आ सकता है इसकी चपेट में
Bhumika Sahu
23 Aug 2022 4:24 AM GMT
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कौन आ सकता है इसकी चपेट में
स्मोकिंग का मतलब तो हम सभी जानते समझते होंगे ही। जो लोग सिगार, सिगरेट या फिर हुक्का पीते हैं, स्मोक करते हैं। आप ये भी जानते होंगे कि स्मोकिंग करने वालों को टीबी और कैंसर होने के चॉन्स अधिक होते हैं। यही नहीं, जो लोग सिगरेट, सिगार या हुक्के के धुएं को अपने अंदर लेते हैं, उनके लिए भी यह अब तक खतरनाक माना जाता था।
बहरहाल, अब बात बदल गई है। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल द लैंसेट ने अपने एक शोध में दावा किया है कि जो लोग स्मोक करते हैं, उनके संपर्क में आए लोग अगर इस धुएं को अपने अंदर लेते हैं, तो सेकेंड हैंड स्मोकर माने जाएंगे। वे नहीं चाहते हुए भी स्मोकिंग अनजाने में स्मोकिंग कर रहे हैं और गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। शोध टीम ने बताया कि कैंसर होने की दसवीं सबसे बड़ी वजह सेकेंड हैंड स्मोकिंग बनकर उभरी है।
सिगरेट पीने वालों से संभल कर रहें.. ये आपके हित में
वहीं, अमरीका में सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक, सेकेंड हैंड स्मोक में करीब सात हजार खतरनाक रसायन होते हैं। बहुत से रसायन तो ऐसे हैं, जो जहरीले हैं और जानलेवा बीमारी कैंसर की बड़ी वजह बनते हैं। फिलहाल, घर और दफ्तर में स्मोकर्स के संपर्क में आप अगर आते हैं, तो लंग कैंसर का खतरा बढ़ने के करीब 30 प्रतिशत तक अनुमान हैं। ऐसे में सिगरेट पीने वालों से संभलकर रहिए। ये आपके हित में है।
बच्चे और बुजुर्ग सबसे अधिक प्रभावित, उन पर इसका बुरा असर
शोध टीम के अनुसार, सेकेंड हैंड स्मोकिंग से खासकर बच्चे और बुजुर्ग सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। ये उनके स्वास्थ्य पर सबसे ज्यादा बुरा असर डाल रही है। अब तक कई केस में ये गंभीर और जानलेवा भी साबित हुई है। शोध टीम ने बताया कि इसी वजह से दुनिया में कैंसर रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में अगर आपके आसपास अब कोई स्मोक करता दिखे तो अपनी सेहत की खातिर, उसे ऐसा करने से रोकिए। सार्वजनिक जगहों पर स्मोक करना गैरकानूनी भी है। उनसे अलर्ट रहने की जरूरत है।
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