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कैसा हो delivery के बाद माँ का आहार
Delivery के पहले हफ्ते में पुराने अनुभवी लोग सीधा आहार जैसे दाल-चावल, रोटी-सब्जी नही देने के बजाय धीरे-धीरे आहार शुरू करते है, जैसे पहले हफ्ते में गर्म पानी, मेथी-अजवाइन का पानी, आयर्वेदीक दवाइयों के लडडू जिसमे खास तौर पर दवाइयों के साथ मेथी, सुंठ, धनिया, गोंद,घी, गुड़ हो, गाय का घी डालकर, मूंग दाल का पानी, बादाम का, अजवाइन का हलवा, नाचनी की खीर आदि दिया जाता है। ये लड्डू स्वाद में कड़वे भले ही रहते हो पर सेहत से भरपूर होते है। इन सब दवाइयों से bleeding साफ होता है। गर्भाशय संकोचन में मदत होती है। वातप्रकोप नही होता। दूध ज्यादा आता है। ये लड्डू हफ्ते से 10 दिन खाने चाहिए। इसके बाद बादाम, खसखस, खरीक, गोंद, तिल, घी से बने डॉयफ्रूट के लड्डू करीब 30 से 40 दिन तक खाना चाहिए।
दूसरे हफ्ते से रोटी, सब्जी, दाल शुरू करते है। ध्यान रहे शुरुआती दिनों में मूंग की दाल ही ले। मूंग की पतली दाल में रोटी चुरकर घी व सब्जी डाल कर सुबह शाम खाये। कभी कभी शाम को मूंग दाल की खिचड़ी या दूध में रोटी चुरकर भी ले सकते है। खाना खाने के बाद बडी सौंफ, अजवाइन, तिल, अलसी आदि का मिश्रण 1 चम्मच खाये, जिससे खाया हुआ अनाज पचने में मदत मिलेगी, भूक बढ़ेगी, वातशमन होगा,गर्भाशय शुद्धि होगी।
बच्चा हर 2 घण्टे में feeding लेता है, इसीलिए माँ को चाहिए कि हर 2 से 3 घण्टे में कुछ खाये। आप खाने के अलावा बीच मे फल, हलवा, लड्डू आदि ले सकते है। यह अवश्य पढ़े – बच्चे को कब और कैसे दूध पिलाए Breast feeding tips in Hindi
पानी ज्यादा पीना है, पर कोशिश करे कि उबला हुआ पानी ही पिये। बच्चे को feeding कराने के पूर्व 1 ग्लास पानी,दूध या कोई और लिक्विड अवश्य ले।
साधारणतः हर माँ को हर रोज 600 से 800 ml दूध आना चाहिए। यह तभी होगा जब आहार सही हो और हर रोज करीब 500 से 600 कैलोरीज अगर ज्यादा ली जाए। इसीलिए माँ का आहार ऐसा चाहिए जो कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट्स, कैल्शियम, विटामिन्स आदि सभी की आपूर्ति करे।
हर रोज सुबह 8 से साढ़े 8 बजे नाश्ता, दोपहर में साढ़े 12 से 1 के बीच खाना, शाम को 5 से साढ़े 5 के बीच नाश्ता व रात को 8 से साढ़े 8 के बीच रात का खाना ले। इसके अलावा सुबह 11 बजे व दोपहर को 3 साढ़े 3 बजे लड्डू, बादाम का हलवा आदी ले। सुबह उठते ही 2 से 4 बादाम खाकर 1 ग्लास गर्म पानी मे निम्बू डालकर ले, उसके आधे घण्टे बाद 1 ग्लास दूध पिये व सोने से पहले 1 ग्लास गर्म दूध में 1 चम्मच गाय का घी डालकर पिये।
यह दिनचर्या शुरुआत के 40 से 90 दिन strictly follow करे।
अपथ्य :- अपथ्य याने वह चीजें जिन्हें न खाया जाए या कम से कम खाया जाए, जैसे, ककड़ी, अंकुरित कच्चा अनाज, राजमा, छोले, चने की दाल, बैंगन, लाल कद्दू, आलू, नूडल्स, बाजार की चीजें, आम, सीताफल, मिठाइयां आदि।
यह अवश्य खाए : घी, गुड़, आदि से पर्याप्त कैलोरीज मिलती है, जो दूध ज्यादा आने के लिए जरूरी होती है। नाचनी में कैल्शियम, लोह और क्षार होते है। खसखस में अच्छा तेल व खूब कैल्शियम होता है। डॉयफ्रूट से प्रोटीन मिलता है। खजूर, गुड़ से खून बनने में मदत मिलती है।
इसके अलावा कई और हेल्थी चीजे आप अपने डाइट में शामिल कर सकते है जैसे, नाश्ते में उपमा, मेथी के थेपले, इडली सांभर, अंकुरित मूंग मोट की उसल, आटे का शिरा आदि। शाम के नाश्ते में फ्रूट, ममरे का चिवड़ा और ग्रीन टी, राजगिरे का लड्डू और दूध, सिंगदाने का लड्डू, इस तरह बदल बदल कर ले सकती है।
Apurva Srivastav
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