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क्या है एग फ्रीजिंग और किस तरह की जाती है ये

Apurva Srivastav
27 Feb 2023 1:52 PM GMT
क्या है एग फ्रीजिंग और किस तरह की जाती है ये
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इस प्रोसीजर में दवाइयों की मदद से अंडों की संख्या को बढ़ाया जाता है,
आज की कॉम्पीटेटिव दुनिया में महिलाओं और यहां तक कि कपल्स के लिए फैमिली को आगे बढ़ाना प्राथमिकता नहीं रह गई है। ऐसा इसलिए क्योंकि वे पहले अपनी प्रोशनल लाइफ को स्टेबल करना चाहते हैं, करियर को ऊंचाई तक ले जाना चाहते हैं और उसके बाद ही बच्चों की प्लानिंग करना चाहते हैं। हालांकि, पुरुषों के लिए ये फिर भी मुमकिन है, लेकिन महिलाओं की उम्र बढ़ने के साथ उनका गर्भ धारण कर पाना मुश्किल हो जाता है।
ऐसे में विज्ञान की लेटेस्ट टेक्नोलॉजीस काम आ सकती हैं। आज एग्ज़ को फ्रीज़ कर प्रेग्नेंसी में देरी करना पहले की तुलना में आज अधिक सामान्य हो गया है। तो अगर आप भी अपना करियर पर फोकस रखना चाह रही हैं, या फिर अभी तक आपको परफेक्ट पार्टनर नहीं मिला है, या स्वास्थ्य से जुड़ी किसी समस्या से जूझ रही हैं, तो आप भी एग फ्रीज़िंग को चुन सकती हैं। तो आइए जानें कि एग फ्रीज़िंग क्या है?
Egg Freezing: क्या है एग फ्रीजिंग?
हेल्थ एक्सपर्ट्स और डॉक्टर्स का मानना है कि जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे अंडों की क्वालिटी भी गिरने लगती है, जिससे प्रेगनेंसी में दिक्कतें आती हैं। इसलिए इस तरह के रीप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता है।
इस प्रोसीजर में दवाइयों की मदद से अंडों की संख्या को बढ़ाया जाता है, जिन्हें फिर ओवरीज से निकाला जाता है और फ्रीज कर दिया जाता है। भ्रूण बनाने के लिए इन्हें रूम टेम्प्रेचर पर लाकर स्पर्म के साथ मिला दिया जाता है। फिर एम्ब्रियो ट्रांसफर साइकल के दौरान भ्रूण को गर्भाशय में ट्रांसफर कर दिया जाता है।
एग फ्रीजिंग किस तरह की जाती है?
डॉक्टर्स के मुताबिक एग फ्रीजिंग के यह स्टेप्स हैं:
ओवरीज को उत्तेजित किया जाता है
आपको सिंथेटिक हॉरमोन्स दिए जाएंगे, जिससे ओवरीज उत्तेजित होकर एक अंडे की जगह कई अंडों का उत्पादन करेंगी। ओवरीज को उत्तेजित करने के लिए औ वक्त से पहले ओव्यूलेशन से बचने के लिए दवाइयों की भी जरूरत पड़ती है। डॉक्टर्स का कहना है कि एस्ट्रोजेन का स्तर आमतौर पर रोम विकसित होने के साथ बढ़ता है, और प्रोजेस्टेरोन का स्तर ओव्यूलेशन के बाद तक कम रहता है।
अंडों को निकाला जाता है
अंडों को ओवरीज से निकालने के लिए व्यक्ति को बेहोश किया जाता है और ट्रांसवजाइनल अल्ट्रासाउंड जैसी आम प्रक्रिया अपनाई जाती है। अंडे जब निकल जाएंगे, तो आप पेट में हल्की मरोड़ महसूस कर सकती हैं, क्योंकि ओवरीज का आकार भी बढ़ जाता है।
फिर होती है फ्रीजिंग
भविष्य में उपयोग के लिए आपके अनिषेचित अंडों को निकालने के तुरंत बाद, उन्हें संरक्षित करने के लिए सब-जीरो तापमान में रखा जाता है।
कितना सुरक्षित है यह प्रोसीजर?
एग फ्रीज़ करवाना वैसे काफी सेफ प्रोसेस माना जाता है। इसके गंभीर साइड-इफेक्ट्स भी नहीं होते, लेकिन यह पूरी प्रोसेस थोड़ा मुश्किल जरूर होता है।
यह प्रोसीजर छोटा जरूर है, लेकिन इसमें पेट में थोड़ा दर्द, इन्फेक्शन और ब्लोटिंग महसूस हो सकती है। ऐसा पूरे प्रोसेस के बाद हो सकता है। हालांकि, अगर आपको प्रोसीजर के बाद अगर आपको बुखार, पेट में भयानक दर्द, भयानक ब्लोटिंग, वजाइनल ब्लीडिंग का ज्यादा होना या फिर पेशाब करने में दिक्कत आती है, तो फौरन अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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