लाइफ स्टाइल

क्या है दमा अस्थमा, जानें इसके बारे में

Ritisha Jaiswal
18 July 2022 7:58 AM GMT
क्या है दमा अस्थमा, जानें इसके बारे में
x
किसी भी मौसम में पुराना रेशा, जुकाम, खांसी, सांस की एलर्जी, दमा, अस्थमा के मरीजों को ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

किसी भी मौसम में पुराना रेशा, जुकाम, खांसी, सांस की एलर्जी, दमा, अस्थमा के मरीजों को ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। दमा-अस्थमा किसी भी आयु के इन्सान को हो सकता है। स्त्री, पुरुष बुजुर्ग हों या बच्चे। WHO के अनुसार पूरी दुनिया में 339 मिलियन ज्यादा लोग इस रोग से पीड़ित हैं। पुराने बुजुर्गों के अनुसार जिनके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, उन्हें इन समस्याओं से ज्यादा जूझना पड़ता है।

जानें क्या है दमा अस्थमा?
दमा फेफड़े की श्वास नली से जुड़ी बीमारी है, जिसमें श्वसन नली में सोजिश आ जाती है और श्वसन नली सिकुड़ जाती है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति सांस लेने में दिक्कत आती है। अस्थमा के मरीजों को कई बार कफ (रेशा) बाहर नहीं निकलता तो मरीजों को काफी परेशानी होती है। कई लोगों को धूल मिट्टी की अलर्जी, मौसम में बदलाव, दवाईआं, परफ्यूम, धूप अगरबत्ती के धुएं से एलर्जी हो जाती है।
लक्षण
बार-बार खांसी आना, सांस लेते वक्त सीटी की आवाज निकलना, छाती में जकड़न व भारीपन, सांस फूलना, खांसी लेते वक्त परेशानी होना, रेशा बाहर न निकलना, गले का सूखना और बेचैनी होना।
परहेज
मरीज को बारिश, सर्दी, धूल मिट्टी की जगह से बचना चाहिए। ज्यादा ठंडे और गर्म वातावरण में नहीं रहना चाहिए। घर से बाहर जाते वक्त मास्क का प्रयोग करना चाहिए। ताजा पेंट, कीटनाशक स्प्रे, अगरबत्ती, परफ्यूम, ज्यादा मीठा, ठंडा पानी, कोल्ड ड्रिंक, फासट-फूड का सेवन कम से कम करना चाहिए।
शुद्ध आयुर्वेदिक इलाज
क्या आप भी पुराने रेशा, जुकाम, खांसी, बलगम, सांस की अलर्जी, कानों में सां-सां की आवाज, दमा-अस्थमा आदि रोगों से परेशान हो चुके हैं। क्या हर जगह की दवाइयां खाकर परेशान हैं तो आप निराश न हों। शुद्ध आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां खास देसी दवाई, जिसका देश विदेशों में बैठे हजारों मरीज लाभ उठा रहे हैं। दमा-असथमा से होने वाली समस्याओं के लिए वरदान साबित हो रही है यह देसी दवाई। हर उम्र के स्त्री, पुरुष तथा बुजुर्ग इस दवाई का सेवन कर सकते हैं। सिर्फ 15 दिनों में ही इस दवाई का असर देखने को मिलेगा। इसके अलावा पुरानी से पुरानी बवासीर खूनी या बादी, मौके निकलना, भगंदर, महिलाओं के रोगों लिकोरिया (सफेद पानी)चमड़ी रोग, जोड़ों के दर्द, वजन बढ़ाने या घटाने, पुरुषों के पुरानों रोग, धांत गिरना, स्वप्न दोष, शीघ्रपतन, जोश की कमी और नसों का ढीलापन, कम शुक्राणु समस्या , बढ़ती उम्र या शुगर से आई मर्दाना कमजोरी का खास आयुर्वेदिक इलाज।
आयुर्वेदिक अपनाओं और जिंदगी खुशहाल बनाओं
व्यर्थ इधर-उधर भटक के अपना कीमती समय और पैसा बर्बाद न करें। 'रोशन हेल्थ केयर' रेलवे रोड, जालंधर शहर (पंजाब) मॉडल टाउन एक्सटेंशन लुधियाना में प्रसिद्ध आयुर्वेदिक क्लीनिक है। हमारे साथ सलाह मशविरा करें आपकी समस्या दूर करके हमें खुशी होगी। पैसे खर्च करने के बाद आपको सही इलाज नहीं मिल रहा तो निराश होनी की जरूरत नहीं। एक बार हमारे क्वालीफाइड BAMS (आयुर्वेद आचार्य) डॉक्टरों से सलाह जरूर लें।


Ritisha Jaiswal

Ritisha Jaiswal

    Next Story