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किसी भी रिलेशनशिप में सेक्स का महत्वपूर्ण रोल होता हैं। हर पार्टनर चाहता हैं कि वह सेक्स के दौरान वेस्ट परफोर्मेंस दें और अपने पार्टनर को खुश कर दे। लेकिन कई लोग सबसे कॉमन सेक्शुअल प्रॉब्लम इरेक्टाइल डिस्फंक्शन अर्थात लिंग में ढीलेपन की समस्या का सामना कर रहे हैं। इससे उभरने के लिए लोग बाजार में मौजूद मर्दाना ताकत बढ़ाने की आयुर्वेदिक और अंग्रेजी, दोनों प्रकार की दवाओं का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं, जो कि सेहत के लिहाज से उचित नहीं हैं, खासतौर से बिना डॉक्टर की सलाह के। मेडिकल स्टोर से खरीदकर इनका सेवन करने से पहले यहां बताए जा रहे इसके साइड इफेक्ट्स जरूर जान लें। आइये जानते हैं इनके बारे में...
सिरदर्द
सिरदर्द, इरेक्टाइल डिसफंक्शन दवाओं के सबसे आम दुष्प्रभाव हैं। नाइट्रिक ऑक्साइड के बढ़े हुए स्तर से रक्त के प्रवाह में अचानक परिवर्तन सिरदर्द का कारण बनता है। यह दुष्प्रभाव इरेक्टाइल डिसफंक्शन की दवाओं के सभी प्रकारों के साथ आम है।
ब्लड प्रेशर लो होने का खतरा
अगर आपको लो ब्लड प्रेशर की समस्या है और आप इसकी दवा खा रहे हैं तो इरेक्टाइल डिसफंक्शन दवाओं का सेवन भूल से भी नहीं करना चाहिए क्योंकि इस टैबलेट को खाने के 1-2 घंटे बाद ब्लड प्रेशर लो हो जाता है। ऐसे में अगर आपको लो बीपी की दिक्कत है तो समस्या और बढ़ सकती है। लिहाजा डॉक्टर से पूछे बिना इरेक्टाइल डिसफंक्शन दवाओं का सेवन न करें।
सिर चकराना
नाइट्रिक ऑक्साइड में वृद्धि से कुछ पुरुषों को चक्कर आ सकते हैं। इरेक्टाइल डिसफंक्शन दवाओं के कारण होने वाला चक्कर आमतौर पर हल्का होता है। हालांकि, किसी भी चक्कर में रोजमर्रा की गतिविधियों के दौरान असुविधा हो सकती है। कई मामलों में, इरेक्टाइल डिसफंक्शन दवाओं से चक्कर आना बेहोशी का कारण बन गया है, जो एक गंभीर स्वास्थ्य मुद्दा बन सकता है। आपको अपने डॉक्टर को बताना चाहिए कि क्या आपको इरेक्टाइल डिसफंक्शन की दवाएं लेते समय चक्कर आते हैं।
दृष्टि हानि
इरेक्टाइल डिसफंक्शन दवाएं आपको चीजों को देखने के तरीके को बदल सकती हैं यानी विजन लॉस ककी समस्या हो सकती है। इरेक्टाइल डिसफंक्शन की दवाएं धुंधली दृष्टि का कारण बन सकते हैं। यदि आपको दृष्टि हानि, या रेटिनिटिस पिगमेंटोसा नामक रेटिना विकार है, तो इरेक्टाइल डिसफंक्शन दवाओं की सिफारिश नहीं की जाती है।
हार्ट पेशंट्स रहें दूर
जिन्हें हार्ट की समस्या है उन्हें इरेक्टाइल डिसफंक्शन की दवाएं नहीं लेनी चाहिए क्योंकि इससे हार्ट पर दबाव बढ़ता है। साथ ही साथ अगर आपको हार्ट अटैक, स्ट्रोक या ऐन्जाइना पेन की दिक्कत हो चुकी है तब भी आपको इरेक्टाइल डिसफंक्शन की दवाएं नहीं लेना चाहिए क्योंकि इससे आपके हार्ट को नुकसान हो सकता है।
शरीर में दर्द और पीड़ा
कुछ लोगों को इरेक्टाइल डिसफंक्शन की दवाएं लेने के दौरान उनके पूरे शरीर में मांसपेशियों में दर्द होने लगता है। यदि आपको इरेक्टाइल डिसफंक्शन दवा लेते समय इस प्रकार का दर्द होता है, तो ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) दर्द की दवा मदद कर सकती है।
लिवर में परेशानी
इरेक्टाइल डिसफंक्शन की दवाइयों का सेवन करने से लिवर पर विपरीत असर पड़ता है। यदि कोई नियमित रूप से इस दवा का इस्तेमाल करता है तो इससे उसके लिवर के कमजोर होने की संभावना ज्यादा रहती है। ऐसे में उस व्यक्ति को भोजन न पचने और सूजन की समस्या हो सकती है।
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