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बालों का झड़ना चिंता का विषय हो सकता है
जब बालों से जुड़ी समस्याओं की बात आती है तो बाल टूटना या उनका झड़ना एक आम बात है. महिलाओं को सबसे ज़्यादा दुख तब होता है, जब वह अपने बालों को फ़र्श पर गिरा हुआ या ब्रश पर लिपटा देखती हैं. लेकिन इसके पीछे का असल कारण ढूंढ़कर और उसका इलाज करना ज़रूरी है. पुराने बालों का झड़ना और उसके जगह नए बाल आना यह एक सामान्य प्रक्रिया है. तो यदि हर दिन आपके लगभग 150 बाल टूटते हैं, तो इसमें चिंता करने की कोई बात नहीं है. लेकिन जब बालों का झड़ना सामान्य से अधिक हो जाता है, तो इसे पैथोलॉजिकल हेयर लॉस यानी बालों का तेज़ी से झड़ना कहते हैं और यह चिंता की वजह बन सकती है. इस समस्या से निजात पाने के लिए आपको एक प्रोफ़ेशनल बालों के डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए.
इसके अलावा आप बालों पर ऊपर से घरेलू नुस्ख़े या अच्छे क्वॉलिटी के प्रॉडक्ट्स आज़माकर बालों का झड़ना कम कर सकती हैं. सुनिश्चित कर लें कि आपके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले प्रॉडक्ट्स प्राकृतिक और केमिकल रहित हों जो आपके बालों को नुक़सान न पहुंचाएं. इंदुलेखा भृंगा ऐंटी हेयरफ़ॉल रेंज जो बालों को टूटने से रोकता है, में नौ भृंगराज पौधों के और आयुर्वेदिक दवाइयों के गुण हैं. इसके अलावा इसमें कोई कृत्रिम रंग या सुगंध नहीं होता है. यह बालों की प्राकृतिक सुंदरता को बनाए रखने में मदद करता है और बालों को सेहतमंद भी बनाता है.
तनावपूर्ण जीवनशैली, हो सकती है पतले होते बालों की वजह
बालों का पतला होना, बालों के झड़ने की समस्या की ओर इशारा करती है और इसका मतलब है कि आपके बालों की सेहत अच्छी नहीं है. इससे पहले कि आपके बालों को और नुक़सान पहुंचे, इस दिशा में क़दम ज़रूर उठाएं. बालों के पतला होने और झड़ने के पीछे बालों को नुक़सान पहुंचाने वाले प्रॉडक्ट्स, शरीर में पोषण की कमी और पीसीओएस जैसी हार्मोनल समस्याएं भी वजह हो सकती हैं. बढ़ती उम्र या जेनिटिक वजहों से भी बाल पतले हो सकते हैं. इसका कारण पता करने के लिए आप डॉक्टर से परामर्श ले सकती हैं. एक बार जब इस समस्या की पहचान हो जाए, तब आप अपने बालों को दुरुस्त करने के लिए विभिन्न तरीक़ों का इस्तेमाल कर सकती हैं-जैसे पीआरपी (प्लेटलेट रिच प्लाज़्मा) थेरैपी. यह क्रॉनिक टेलोजेन इफ़्लूवियम नामक एक समस्या के कारण भी हो सकता है, जिसमें महिलाओं में आमतौर पर छह महीनों से अधिक समय तक बाल झड़ते रहते हैं. और इसका उचित और सामयिक इलाज बहुत ज़रूरी है.
खुजली और पपड़ीदार स्कैल्प परेशानी का सबब बन सकते हैं
खुजलीदार स्कैल्प न केवल देखने में भद्दा लगता है, बल्कि यह किसी बड़ी समस्या की ओर संकेत भी हो सकता है. खुजलीदार स्कैल्प की वजह सीबम का घटा हुआ स्तर भी हो सकता है. इसका कारण बालों की देखभाल में इस्तेमाल किए गए प्रॉडक्ट्स के इन्ग्रीडिएंट्स से एलर्जी, थकान और तनाव हो सकता है. इसलिए सही शैम्पू और कंडिशनर का चुनाव करना अहम् है. उदाहरण के लिए इंदुलेखा पूरी तरह से प्राकृतिक चीज़ों से तैयार किया गया आयुर्वेदिक स्कैल्प ऑयल है. इस तेल को भृंगराज, श्वेत कुटज, आंवला, नीम और अन्य लाभप्रद जड़ी बूटियों का उपयोग करके तैयार किया जाता है. इस तेल से नियमित मालिश साथ ही, संतुलित और पौष्टिक आहार लेने से इस समस्या में मदद मिल सकती है.
तनाव के कारण हो सकते है दोमुंहे बाल
जब आपके बाल दोमुंहे होने लगें, तो समझ जाएं कि वक़्त आ गया है उनका ख़्याल रखने का. आमतौर पर केराटिन की कमी से बाल दोमुंहे होते हैं, इसके अलावा भी बालों के दोमुंहे होने की कई और वजहें हैं. यह तब होता है जब आप किसी प्री हीटिंग प्रॉडक्ट को लगाए बिना हेयरस्टाइलिंग प्रॉडक्ट्स का इस्तेमाल करती हैं, या ड्रायर को बालों के बहुत क़रीब रखती हैं. इसके अलावा सोते समय बालों के तकिए पर या दिनभर कपड़े पर रगड़ खाने की वजह से भी दोमुंहे बालों की समस्या हो सकती है. कलरिंग और ब्लो ड्राइंग जैसे ट्रीटमेंट्स कम से कम ही करें. इनका अधिक इस्तेमाल आपके बालों को क्षति पहुंचा सकता है. नियमित तेल लगाने से बाल मज़बूत और सेहतमंद बनेंगे.
प्राकृतिक हेयर ऑयल जैसे इंदुलेखा भृंगा का इस्तेमाल करके आप बालों को बिल्कुल शाही ट्रीटमेंट दे सकती हैं. इसमें कई प्राकृतिक हर्ब्स हैं, जिनका इस्तेमाल प्राचीन समय में बालों की देखरेख के लिए किया जाता था. इंदुलेखा हेयर ऑयल ढेरों प्राकृतिक इन्ग्रीडिएंट्स के लाजवाब संयोजन से तैयार किया गया है, जिसमें भृंगा, ऐलोवेरा, आंवला और नीम, यस्थी, कपूर और द्राक्ष भी शामिल हैं. ये इन्ग्रीडिएंट्स काफ़ी पुराने समय से बालों की देखरेख, उनकी ग्रोथ बढ़ाने और उनकी सेहत को बनाए रखने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. इन सभी इन्ग्रीडिएंट्स को वर्जिन नारियल तेल में मिलाकर इंदुलेखा भृंगा हेयर ऑयल तैयार किया गया है.
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