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पित्ताशय में पथरी की समस्या आज के समय में बेहद आम है और इसे पित्त की पथरी भी कहा जाता है। पित्त की पथरी यानि गॉलस्टोन छोटे पत्थर होते हैं, जो पित्ताशय की थैली में बनते हैं। पित्त की थैली या गॉलब्लैडर शरीर का छोटा सा हिस्सा या अंग होता है। यह लिवर के पीछे होता है। पित्त के स्ट्रक्चर में जब केमिकल असंतुलन होता है, तो पित्ताशय में पथरी हो सकती है। यह दर्दनाक स्थिति पैदा करती हैं। यदि इसका सही समय पर इलाज नहीं किया गया तो इसे निकालने के लिए बड़े ऑपरेशन की जरूरत हो सकती है। इस्लि आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके इस्तेमाल से पित्ताशय की पथरी का इलाज किया जा सकता हैं। आइये जानते हैं इन उपायों के बारे में...
सेब का रस
वैज्ञानिक शोध के अनुसार यदि एक व्यक्ति प्रतिदिन सेब के रस का सेवन करे तो इससे पित्त की पथरी बनने के जोखिम कारकों को काफी कम किया जा सकता है। सेब का रस पित्त पथरी को नरम करके उसे आसानी से बाहर निकलने में मदद करता है। सेब का रस पीना आपकी छोटी आंत के लिए भी फायदेमंद है, पेट के अल्सर को ठीक करता है और मधुमेह के रोगियों के लिए उपयुक्त माना जाता है। हालांकि, आपको जरूरत से ज्यादा सेब के रस का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे आपकी सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।
सिंहपर्णी
सिंहपर्णी के पत्ते लीवर और मूत्राशय के कामकाज में सहायता, पित्त उत्सर्जन को बढ़ावा और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। एक कप पानी में एक बड़ा चम्मच सिंहपर्णी के पत्तों को मिलाये। फिर इसे अवशोषित करने के लिए पांच मिनट के लिए रख दें। अब इसमें एक चम्मच शहद मिलायें। मधुमेह रोगियों को इस उपचार से बचना चाहिए।
नींबू पानी
नींबू का सेवन तो हर किसी को प्रत्येक दिन किसी ना किसी रूप में करना चाहिए। नींबू में विटामिन सी के अलावा विटामिन बी भी होता है। साथ ही यह फाइबर, मैग्नीशियम, आयरन, कैल्शियम, फॉस्फोरस आदि से भी भरपूर होता है। नींबू के सेवन से शरीर में बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल आसानी से घुल जाता है। सुबह सोकर उठने के बाद एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू का रस निचोड़कर पिएं।
लिसिमैचिया हर्बा
लिसिमैचिया हर्बा पित्त पथरी के लिए एक लोकप्रिय पारंपरिक चीनी उपाय है। इतना ही नहीं, शोध से भी इस बात का पता चला है कि यह कोलेस्ट्रॉल पित्त पथरी के इलाज या रोकथाम के लिए फायदेमंद हो सकता है। मार्केट में आपको यह पाउडर व लिक्विड रूप में मिल जाएगा।
इसबगोल
एक उच्च फाइबर आहार, पित्ताशय की थैली की पथरी के इलाज के लिए बहुत आवश्यक है। इसबगोल घुलनशील फाइबर का अच्छा स्रोत होने के कारण पित्त में कोलेस्ट्रॉल को बांधता है और पथरी के गठन को रोकने में मदद करता है। आप इसे अपने अन्य फाइबर युक्त भोजन के साथ या रात को बिस्तर पर जाने से पहले एक गिलास पानी के साथ ले सकते हैं।
कैस्टर ऑयल
अरंडी का तेल या कैस्टर ऑयल में कई औषधीय गुण होते हैं। साथ ही इस तेल में मौजूद हीलिंग प्रॉपर्टीज पित्ताशय की पथरी को गलाने में मदद करता है। आधा कप अरंडी का तेल लें। इसे गर्म करें। अब एक कपड़े में इस तेल को लगाएं और अच्छी तरह से निचोड़ दें। पेट में लिवर जहां होता है, वहां इस कपड़े को रखें। कपड़े को किसी दूसरे कपड़े या प्लास्टिक शीट से ढंग दें। हॉट वॉटर बैग से पेट की सिकाई करें।
हल्दी
पित्ताशय की पथरी के लिए यह एक उत्तम घरेलू उपचार है। यह एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेट्री होती है। हल्दी पित्त, पित्
Tara Tandi
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