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फैशन बन चुका है जो की उन्हें अंदर और बाहर दोनों तरफ से नुकसान पहुंचा रहा है. जो लोग स्मोकिंग करते हैं उन्हें कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. सिगरेट के धुएं में मौजूद टार फेफड़ों में जमा होकर ब्लॉकेज पैदा करता है. इससे रेस्पिरेटरी सिस्टम पर काफी बुरा असर पड़ता है. सिगरेट में पाया जाने वाला निकोटिन रक्त वाहिकाओं में संकुचन का कारण बनता है, जो ब्लड सर्कुलेशन को बाधित करने लगता है. इससे ब्लड प्रेशर की समस्या होती है और हार्ट अटैक का खतरा भी ज्यादा होता है. ये सब तो अंदरूनी समस्या की बात हो गई लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिगरेट पीने से आप भरी जवानी में बूढ़े दिख सकते हैं. स्मोकर्स जो होते हैं उनके होंठ काले होने लगते हैं और स्किन से जुड़ी परेशानियों खतरा बढ़ जाता है. आईए जानते हैं स्मोकिंग से कैसे स्किन को नुकसान होता है.
स्मोकिंग से स्किन पर होने वाले नुकसान
1.रिसर्च में पाया गया है कि तंबाकू के धुएं में करीब 4000 से भी ज्यादा जहरीले कैमिकल होते हैं. इनमें से कई केमिकल कॉलेजन और इलास्टिन को प्रभावित करते हैं. इसकी वजह से आपकी स्किन वक्त से पहले ढ़ीली पड़ने लगती है और त्वचा दाल नजर आने लगती है.
2.सिगरेट से निकलने वाले धुएं में निकोटिन मॉलिक्यूल होता है जो स्किन में आसानी से अवशोषित हो जाता है. जब ये स्किन के अंदर पहुंचते हैं तो कोरोटीनोसाइट्स सेल्स को डैमेज करने का काम करते हैं. इसकी वजह से आपकी स्किन पर डेड सेल्स बढ़ सकते हैं और स्किन का रंग काला पड़ सकता है.
3.स्मोकिंग का स्किन पर साइड इफेक्ट इतना गंभीर होता है कि लोगों को सोरायसिस जैसी गंभीर बीमारी तक हो सकती है. बता दें कि सोरायसिस से एक तरह का क्रॉनिक कंडीशन है जिसके कारण स्किन पर पैचेज बनने लगते हैं.
4.केस वेस्टर्न रिसर्व यूनिवर्सिटी की एमडी के मुताबिक एक शोध में पाया गया है कि स्मोकिंग करने वालों की आंखों के नीचे के स्किन लूज हो जाती है और वो वक्त से पहले बुजुर्ग दिखने लगते हैं.
5.स्मोकिंग करने से ऐज स्पॉट बनने लगता है. ऐज स्पॉट वह नेचुरल प्रोसेस है जब कोई बुजुर्ग होता है तब उसके चेहरे पर अपने आप ही स्किन टोन में बदलाव हो जाता है, लेकिन जो लोग धूम्रपान करते हैं उनको समय से पहले ही एक स्पॉट की समस्या हो जाती है. उनका स्किन टोन वैसा ही हो जाता है जैसे लोगों में सूर्य की रोशनी में ज्यादा समय बीतने पर होता है.
6.सिगरेट के धुएं में टॉक्सिंस मौजूद होते हैं इससे शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव बढ़ता है इसके कारण स्क्रीन में ऑक्सीजन की आपूर्ति कम होने लगती है. इससे स्किन कठोर और डैमेज हो सकती है.
7. स्मोकिंग वैस्कुलर कॉन्ट्रैक्शन का कारण बन सकता है, जो ब्लड सर्कुलेशन को कम कर सकता है. ब्लड सर्कुलेशन कम होने से किसी भी चोट या जख्म को भरने में परेशानी आती है.जो लोग सिगरेट पीते हैं उनके मामूली कट और खरोंच को भी ठीक होने में काफी वक्त लगता है.किसी सर्जरी और ऑपरेशन में बाधा आ सकता है.
Tara Tandi
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