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भारत में 2015 में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की शुरुआत की. इस साल लगातार आठवीं बार भारत योग दिवस मनाने जा रहा है.
भारत में 2015 में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की शुरुआत की. इस साल लगातार आठवीं बार भारत योग दिवस मनाने जा रहा है. क्या वजह है कि इस 21 जून को भारत के साथ 79 देश योग दिवस मनाएंगे. जवाब इस रिसर्च में है- ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद और आईआईटी दिल्ली ने मिलकर जो रिसर्च की है उसके मुताबिक योग की एक छोटी सी क्रिया भ्रामरी प्राणायाम बढ़ती उम्र को थाम सकती है.
भ्रामरी प्राणायाम है रामबाण
केवल कुछ मिनट का भ्रामरी प्राणायाम कितने फायदे दे सकता है इसका खुलासा एक नई रिसर्च से हुआ है. दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद में आईआईटी दिल्ली के साथ मिलकर जो रिसर्च की है उसके नतीजे बड़े फायदों का संकेत दे रहे हैं.
होते हैं इतने फायदे
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद की योग विभाग की रिसर्च प्रमुख, डॉ मेधा कुलकर्णी ने बताया कि 70 लोगों पर तकरीबन 1 वर्ष से की जा रही इस रिसर्च में यह सामने आया है कि भ्रामरी प्राणायाम याददाश्त बढ़ाने के काम आता है, तनाव को कम करता है, ब्लड प्रेशर को काबू में रखता है और सबसे बड़ी बात बढ़ती हुई उम्र के बुरे असर को भ्रामरी प्राणायाम काफी हद तक घटा सकता है.
ECG में भी मिले बेहतर नतीजे
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद की निदेशक, डॉ तनूजा नेसारी ने बताया कि आईआईटी दिल्ली ने यह पाया भ्रमरी प्राणायाम से पैदा होने वाली ध्वनि दिमाग को शांत करने का काम करती है इस प्रक्रिया से निकलने वाली आवाज की वजह से कई मरीजों में ईसीजी के नतीजे बेहतर होते देखे गए. यानी यह पाया गया कि दिल के मरीजों को भी भ्रामरी प्राणायाम करने से बीमारी से रिकवर होने में तेजी से मदद मिल रही है इस रिसर्च को 1 वर्ष हो चुका है और शुरुआती नतीजे बता रहे हैं की भ्रामरी प्राणायाम बढ़ती उम्र को भी रोक सकता है.
किस पर हुई ये रिसर्च
यह रिसर्च ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद के डॉक्टरों कर्मचारियों और सिक्योरिटी स्टाफ समय कुल 70 लोगों पर की जा रही है योग ट्रेनिंग के जरिए इन्हें हफ्ते में 5 दिन रोज भ्रामरी प्राणायाम करवाया जा रहा है इस ट्रेनिंग से मिल रहे नतीजों से रिसर्च में शामिल लोग पहले ही खुश हैं.
Ritisha Jaiswal
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