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जब पेट में गैस हो, पर मस्तिष्क से उस गैस को बाहर निकालने के लिए आदेश न मिल रहा हो
भोजन के बाद डकार लेना आम बात है. आमतौर पर हम समझते हैं कि डकार का मतलब है पेट भर जाना. वहीं कुछ लोग इस शारीरिक क्रिया को बदहज़मी से भी जोड़कर देखते हैं. आइए जानते हैं, डकार का विज्ञान. और हां, यह भी कि ज़्यादा डकार आने पर आपको क्या करना चाहिए.
क्यों आती है डकार?
जब हम खाना खाते हैं तो उसके साथ-साथ हमारे पेट में थोड़ी हवा भी चली जाती है. दरअस्ल, हमारी भोजन नली और पेट के बीच एक दरवाज़ा होता है, जो भोजन करते समय खुल जाता है. भोजन के पेट में जाने के बाद यह अपने-आप बंद हो जाता है. उसी दरवाज़े से भोजन के संग पेट में हवा भी चली जाती है. अनजाने में शरीर के अंदर हवा जाने की इस प्रक्रिया को एरोफ़ेजिया कहते हैं. आमतौर पर जब हम बहुत जल्दी-जल्दी खाते या पीते हैं तो ज़रूरत से ज़्यादा हवा निगल लेते हैं. धूम्रपान करते समय, कुछ चूसते समय या बबलगम्स चबाते समय भी पेट में हवा चली जाती है. जब पेट में हवा यानी गैस की मात्रा ज़्यादा हो जाती है तब मस्तिष्क उसे बाहर निकालने का निर्देश देता है.
इसके बाद मांसपेशियां सख़्त हो जाती हैं, जिससे भोजन नली में छाती और पेट के बीच बना दरवाज़ा कुछ देर के लिए खुल जाता है. हवा गले और मुंह से होती हुई बाहर निकल जाती है. इस प्रक्रिया को हम डकार आना कहते हैं. हालांकि यह पूरी तरह से एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, पर चूंकि इसके साथ आवाज़ आती है, अत: यह शर्मिंदगी और बेचैनी का कारण भी बन जाती है.
कब हो जाता है मामला गंभीर?
जब पेट में गैस हो, पर मस्तिष्क से उस गैस को बाहर निकालने के लिए आदेश न मिल रहा हो तो बेचैनी होने लगती है. पेट में हल्का-हल्का दर्द होने लगता है. डाइजेशन का प्रोसेस धीमा पड़ जाता है. अंतत: हमारा शरीर कमज़ोर और थका हुआ महसूस करने लगता है. वैसे तो डकार एक आम प्रक्रिया है, पर कभी-कभी मामला गंभीर हो जाता है. ख़ासकर, यदि यह समस्या बार-बार परेशान करती हो. ऐसे में चिकित्सकीय मदद लेना ज़रूरी हो जाता है.
डकार से ऐसे भी पाया जा सकता है निजात
* ज़मीन पर लेट जाएं और अपने घुटनों को मोड़कर सीने तक लाएं. इससे गैस को बाहर निकले में मदद मिलती है.
* गैस बढ़ानेवाले खाद्य व पेय पदार्थों का सेवन कम से कम करें.
* जल्दी-जल्दी खाने से बचें. जब आप आराम से चबाकर खाते हैं तो पेट में हवा जाने की संभावना कम हो जाती है.
* कार्बोनेटेड ड्रिंक्स का सेवन न करें.
* चुइंग गम न चबाएं. आप जितनी देर तक चुइंग गम चबाते हैं, उतनी अधिक हवा को पेट में आमंत्रित करते हैं.
* धूम्रपान से बचें, क्योंकि इस प्रक्रिया में हम हवा को अंदर खींचते हैं.
* अक्सर जब बुज़ुर्गों के डेंचर में कोई समस्या होती है तो खाना खाते समय उनके पेट में हवा सामान्य से अधिक जाती है.
डकार में राहत देनेवाले कुछ घरेलू नुस्ख़े
डकार की समस्या से ये घरेलू नुस्ख़े आपको राहत दिला सकते हैं.
* डकार आने पर थोड़ा-थोड़ा ठंडा पानी पिएं. जल्द ही राहत मिलेगी.
* इलायचीवाली चाय पिएं या दिन में दो से तीन बार इलायची चबाएं.
* सौंफ से भी पेट की गैस से राहत मिलता है और अंतत: डकार से भी.
* नींबू का रस भी डकार से निजात दिलाने में कारगर है.
* डकार आने पर हरा धनिया खाएं. जल्द ही डकारें बंद हो जाएंगी.
* मुंह में एक लौंग रखकर चूसने से भी डकार में फ़ायदा मिलता है.
* ठंडा दूध भी डकार और हिचकी जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है.
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Apurva Srivastav
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