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तेजी से संक्रमण फैलाने वाले ओमिक्रॉन वैरिएंट ने लोगों के मन में दहशत पैदा कर दी है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | तेजी से संक्रमण फैलाने वाले ओमिक्रॉन वैरिएंट ने लोगों के मन में दहशत पैदा कर दी है. कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लोगों का जोर इम्यूनिटी बढ़ाने पर है. इसके लिए वे कई तरीके आजमा रहे हैं. एलोपैथी में सुझाए गए सप्लीमेंट्स भी खा रहे हैं तो आयुर्वेद में बताए गए इम्यूनिटी बूस्टर्स का उपयोग भी जमकर कर रहे हैं. हालांकि बिना जाने-समझे इम्यूनिटी बढ़ाने की ये कोशिश उन्हें मुश्किल में भी डाल सकती है.
इम्यूनिटी बूस्टर है गिलोय
गिलोय को आयुर्वेद में बहुत महत्व दिया गया है क्योंकि यह पाचन सुधारता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है. इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए लोग जमकर इसका सेवन कर रहे हैं. गिलोय एक तरह की जड़ी-बूटी है जिसे अमृता या गुडुची भी कहते हैं. कोरोना काल में संक्रमण से बचने के लिए यह बहुत मशहूर हुआ और लोग बड़ी मात्रा में इसका सेवन करने लगे. जबकि इसका ज्यादा मात्रा में सेवन सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है.
लिवर पर करता है बुरा असर
गिलोय सेहत के लिए काफी फायदेमंद है और इसके पत्तों से लेकर जड़ आदि सभी हिस्सों का उपयोग किया जाता है. लोग इसके तने से जूस निकालकर पीते हैं तो कोई जड़ी पीसकर खाता है. लेकिन हाल ही में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी सहित 13 मेडिकल सेंटर्स में हुई एक स्टडी में चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं. इसमें लिवर रिसर्च क्लब ऑफ इंडिया ने पाया कि गिलोय का लंबे समय से सेवन कर रहे लोगों में क्रॉनिक लिवर डिजीज या लिवर फेलियर की समस्या थी.
खबरों के मुताबिक केजीएमयू में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.अजय कुमार पटवा ने कहा, '67.4 प्रतिशत रोगियों में लिवर की समस्याओं का मुख्य कारण गिलोय था. जबकि इन लोगों को डायबिटीज, थायरॉइड, हाई ब्लड प्रेशर जैसी कोई भी समस्या नहीं थी. ना ही वे शराब का सेवन करते थे.'
ऐसे में बेहतर है कि गिलोय का सेवन करने से पहले विशेषज्ञ से सलाह ले ली जाए. इसी तरह इम्यूनिटी बढ़ाने वाली अन्य चीजों का सेवन भी डॉक्टर की सलाह से करें और संतुलित मात्रा में करें, वरना लेने के देने पड़ सकते हैं.
Teja
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