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तनाव, खराब जीवनशैली और खानपान की वजह से कई बीमारियां होने का खतरा बना रहता है। जैसे की हार्ट अटैक। हार्ट अटैक के मामले पिछले कुछ सालों में बहुत तेजी से बढ़े हैं। हार्ट हमारे पूरे शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई करता है। ऑक्सीजन सभी मसल्स और सेल्स को जीवित रखने के लिए जरूरी है। ऐसे में दूसरे अंगों तक ऑक्सीजन कम पहुंचे तो शरीर कुछ समस्याएं महसूस करता है पर जीवन चलता रहता है। लेकिन अगर हार्ट तक ही ऑक्सीजन कम पहुंचे या पूरी तरह रुक जाए तो हार्ट की मसल्स मरने लगती हैं, जिससे हार्ट दूसरे अंगों तक भी ऑक्सीजन नहीं पहुंचा पाता और धीरे-धीरे सारे अंग मरने लगते हैं। इसी स्थिति को ही हार्ट अटैक कहते हैं। हार्ट तक ऑक्सीजन की इस सप्लाई में कई चीजें बाधा बन सकती हैं, जैसे- आर्टरीज में जमा फैट, कोलेस्ट्रॉल, प्लाक या ब्लड क्लॉट (खून का थक्का) आदि। ऐसा जरूरी नहीं है कि हार्ट अटैक आने पर व्यक्ति की मौत निश्चित ही है। ज्यादातर मामलों में सही समय पर इलाज मिलने से व्यक्ति को बचाया जा सकता है। दरअसल हार्ट अटैक से मसल्स कितनी डैमेज होगी, ये इस बात पर निर्भर करता है कि हार्ट अटैक के समय व्यक्ति के हार्ट के कितने हिस्से में खून की सप्लाई बाधित हुई और उसे कितनी जल्दी मेडिकल ट्रीटमेंट मिला। हार्ट जितना नाजुक अंग है, उतना ही समझदार भी है। सामान्य स्थिति में अगर हार्ट के किसी छोटे से हिस्से में कोई समस्या हो भी जाए, तो भी ये अपना काम करता रहता है लेकिन इसकी क्षमता में कमी आ जाती है। इस स्थिति में व्यक्ति को हार्ट अटैक के हल्के-फुल्के लक्षण महसूस हो सकते हैं, जिसे माइल्ड हार्ट अटैक या मिनी हार्ट अटैक कहते हैं। अगर इस संकेत को समझकर सही समय पर इलाज कराया जाए और लाइफस्टाइल में बदलाव किए जाएं, तो हार्ट को आगे चलकर होने वाले डैमेज से बचाया जा सकता है।हमारे द्वारा आपको इतनी बात बताने के पीछे का कारण है हाल ही में हुई एक स्टडी है। यह स्टडी 500 से अधिक महिलाओं के ऊपर की गई है जिसमें यह बात सामने आई है कि शरीर हार्ट अटैक आने से एक महीने पहले से ही वार्निंग साइन देने लगता है। जिसको अगर समय रहते समझा जाए तो जिंदगी बचाई जा सकती हैं।
क्या है स्टडी?
जर्नल सर्कुलेशन में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, हार्ट अटैक आने से एक महीने पहले से ही इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं। रिसर्च में 500 से अधिक महिलाओं को शामिल किया गया था जो दिल का दौरा पड़ने से बच गई थीं। कुल प्रतिभागियों में से 95% ने कहा कि उन्होंने देखा कि उनके दिल के दौरे से एक महीने पहले से ही शरीर में कुछ लक्षण दिखाई दे रहें थे। जहां 71% ने थकान को एक सामान्य लक्षण बताया, वहीं 48% ने कहा कि उन्हें नींद से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ा। कुछ महिलाओं ने सीने में दर्द भी, छाती में दबाव, दर्द या जकड़न जैसी तकलीफों के बारे में भी बात की।
हार्ट अटैक के लक्षण
- थकान
- नींद की दिक्कत
- खट्टी डकार
- चिंता
- दिल की धड़कन तेज होना
- हाथ में कमजोरी/भारी
- सोच या याददाश्त में बदलाव
- दृष्टि परिवर्तन
- भूख में कमी
- हाथ पैर में झुनझुनी
- रात में सांस लेने में कठिनाई
हार्ट अटैक की सबसे आम वजह
- मोटापा
- डायबिटीज
- हाई कोलेस्ट्रॉल
- हाई बीपी
- धूम्रपान और शराब का अत्यधिक सेवन
- हाई फैट डाइट
हार्ट अटैक से बचाव है जरूरी
अभी तक हमने हार्ट अटैक के लक्षण और होने के पीछे की वजह को तो जान लिया। पर यह सवाल जहन में उठता है कि आखिर हार्ट अटैक से बचा कैसे जाए। ऐसे में हार्ट अटैक से बचने के लिए एक स्वस्थ, संतुलित आहार लें और प्रोसेस्ड, शुगर वाले पदार्थों का सेवन कम करें। साथ ही अपनी दिनचर्या में व्यायाम को जरुर शामिल करें। इसके अलावा स्वस्थ वजन बनाए रखें, अपने रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और रक्त शर्करा यानी ग्लूकोस लेवल के स्तर को नियंत्रित करें। यदि आप शराब - धूम्रपान करते है तो उसको छोड़ दे।
जाने कैसे देते हैं सीपीआर
यदि आपको ऊपर दिए हार्ट अटैक के लक्षण महसूस होते हैं तो तुरंत प्रभाव से अपने नजदीकी अस्पताल से संपर्क करें। इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति को अचानक दिल का दौरा पड़ता है और उसे सांस लेने में कठिनाई होती है, तो शरीर में रक्त के प्रवाह को बनाए रखने या बहाल करने के लिए कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) शुरू करें। एक्सपर्ट बताते हैं कि अगर कार्डियक अरेस्ट के पहले कुछ मिनटों में सीपीआर किया जाए तो यह किसी व्यक्ति के बचने की संभावना को दोगुना कर सकता है।
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