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पीले दांतों से छुटकारा दिलाएंगे ये आसान वैज्ञानिक घरेलू उपाय

Kajal Dubey
13 May 2023 12:01 PM GMT
पीले दांतों से छुटकारा दिलाएंगे ये आसान वैज्ञानिक घरेलू उपाय
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1. तेल से कुल्ला करें (Practice Oil Pulling)
ऑयल पुलिंग या तेल से कुल्ला करना पारंपरिक भारतीय उपाय है जिसका मकसद ओरल हाइजीन को बेहतर बनाना और शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकालना होता है।
इस काम के लिए थोड़ी मात्रा में तेल को मुंह में लेकर चारों तरफ घुमाना होता है। इससे मुंह और दांतों में प्लाक या गंदगी की वजह बनने वाले बैक्टीरिया हट जाते हैं। यही बैक्टीरिया दांतों के पीले दिखने का भी कारण होते हैं। (2)
पारंपरिक रूप से भारतीय तेल से कुल्ला करने के लिए सूरजमुखी या तिल के तेल का इस्तेमाल करते रहे हैं, लेकिन आप किसी भी तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। ज्यादातर लोग नारियल तेल को काफी पसंद करते हैं। क्योंकि इसका स्वाद और खुशबू काफी अच्छी होती है और हेल्थ को काफी फायदा भी पहुंचाती है।
इसके अलावा नारियल तेल में भारी मात्रा में लॉरिक एसिड (Lauric Acid) पाया जाता है, इसे जलन कम करने और बैक्टीरिया मारने के अपने गुणों के लिए जाना जाता है। (3, 4, 5, 6)
कुछ स्टडी से ऐसा पता चला है कि रोज ऑयल पुलिंग करने से मुंह के बैक्टीरिया को कम करने में मदद मिलती है। इसके साथ ही प्लाक (Plaque) और जिंजिवाइटिस (Gingivitis) की समस्या से भी राहत मिलती है। (3, 7, 8)
स्ट्रेपटोकोक्स म्यूटन (Streptococcus Mutans) ही वह प्राथमिक बैक्टीरिया हैं जो मुंह में प्लाक और जिंजिवाइटिस की समस्या का कारण होते हैं। एक स्टडी में पाया गया है कि रोज तिल के तेल से कुल्ला करने से लार में स्ट्रेप्टोकोकस म्यूटन की मात्रा महज एक हफ्ते में ही कम होने लगती है। (8)
बदकिस्मती से, कोई भी वैज्ञानिक स्टडी अभी तक ये साबित नहीं कर सकी है कि तेल का कुल्ला करने से दांत सफेद होते हैं। हालांकि, ये सुरक्षित आदत है और इसे आजमाया जा सकता है। लेकिन कई लोग ये दावा करते हैं कि नियमित रूप से तेल से कुल्ला करने पर उनके दांत पहले से ज्यादा सफेद और चमकदार हो गए।
तेल से कुल्ला करने के लिए, 1 टेबलस्पून नारियल का तेल मुंह में लेकर दांतों के चारों तरफ घुमाएं। नारियल का तेल रूम टेंपरेचर पर अक्सर ठोस हो सकता है इसलिए उसे गुनगुना करके भी इस्तेमाल कर सकते हैं। तेल को करीब 15-20 मिनट के लिए मुंह में रखा जा सकता है।
तेल से कुल्ला करने के कुछ अन्य फायदे भी हैं। ये दांतों को सफेद बनाने वाले बहुत सी अन्य विधियों की तरह दांतों पर एसिड के प्रभाव नहीं छोड़ता है। एनामेल को नुकसान नहीं पहुंचाता है और मसूड़ों की सेहत को भी बेहतर बनाता है। इसे रोज इस्तेमाल करना भी बेहद सुरक्षित है।
सारांश (Summary)
नारियल तेल से कुल्ला करने और बैक्टीरिया को दूर करने के लिए मुंह में तेल को 15-20 मिनट तक रखकर घुमाना चाहिए। रोज अभ्यास करने से प्लाक को कम और आपके दांतों को चमकदार बनाया जा सकता है।
2. बेकिंग सोडा से ब्रश करें (Brush With Baking Soda)
बेकिंग सोडा में प्राकृतिक रूप से सफेद करने का गुण पाया जाता है, यही कारण है कि ये बाजार में मिलने वाले कॉमर्शियल टूथपेस्ट का प्रमुख और लोकप्रिय तत्व है। ये हल्का खुरदुरा होता है जिसकी वजह से ये दांतों की सतह पर जमे दागों को स्क्रब करके साफ करने में मदद करता है।
इसके अलावा, बेकिंग सोडा मुंह में एल्केलाइन या क्षारीय वातावरण बनाने में मदद करता है, जिससे बैक्टीरिया की ग्रोथ को रोकने में मदद मिलती है। (9)
ये जान लेना भी जरूरी है कि ये कोई दवा नहीं है जो आपके दांतों को रातों-रात चमका सकती है, लेकिन कुछ ही वक्त में आपको अंतर दिखना जरूर शुरू हो जाएगा।
विज्ञान अभी तक ये बात साबित नहीं कर पाया है कि सादे बेकिंग सोडा से दांतों को ब्रश करने पर दांतों को चमकदार बनाया जा सकता है। लेकिन कई स्टडी से ये बात जरूर पता चलती है कि बेकिंग सोडा युक्त टूथपेस्ट का इस्तेमाल करने पर दांतों में सफेदी का प्रभाव दिखने लगता है।
एक स्टडी में पाया गया है कि बेकिंग सोडा युक्त टूथपेस्ट करने से पीले दांतों की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। ये सामान्य टूथपेस्ट की तुलना में कहीं ज्यादा कारगर भी साबित होते हैं। इसके अलावा टूथपेस्ट में जितनी ज्यादा मात्रा में बेकिंग सोडा होगा, प्रभाव भी उतना ही ज्यादा होगा। (10)
इसके अलावा, 5 स्टडी के रिव्यू में ये पाया गया कि बेकिंग सोडा युक्त टूथपेस्ट, सामान्य टूथपेस्ट की तुलना में दांतों से प्लाक को ज्यादा कारगर तरीके से हटा सकता है। (11)
इस उपाय को इस्तेमाल करने के लिए 1 टी स्पून बेकिंग सोडा को 2 टीस्पून पानी के साथ मिलाकर दांतों पर ब्रश करें। ये काम आप हफ्ते में 2-3 बार तक कर सकते हैं।
दांतों की सफाई के लिए बेकिंग सोडे का उपयोग करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। मसलन ये आपके मसूड़ों पर न लगने पाए। बेकिंग सोडे के मसूड़ों के संपर्क में आने से कुछ लोगों को मसूड़ों में सूजन, जलन या चुभन का अनुभव हो सकता है। इसलिए, अगर ऐसी समस्या होती है तो तुरंत कुल्ला कर लें।
सारांश (Summary)
बेकिंग सोडा युक्त टूथपेस्ट का इस्तेमाल करने से दांतों और मुंह के बैक्टीरिया की संख्या को कम किया जा सकता है। इसके अलावा दांतों पर जमी गंदगी को भी दूर किया जा सकता है।
3. हाइड्रोजन पैरॉक्साइड का इस्तेमाल करें (Use Hydrogen Peroxide)
हाइड्रोजन पेरॉक्साइड एक प्राकृतिक ब्लीचिंग एजेंट है जो मुंह में मौजूद बैक्टीरिया को मारता है। (12)
सालों से घावों के कीटाणुओं को मारने के लिए हाइड्रोजन पेरॉक्साइड का इस्तेमाल होता रहा है। दांतों को चमकाने वाले कई कॉमर्शियल प्रोडक्ट्स के निर्माण में भी हाइड्रोजन पेरॉक्साइड का इस्तेमाल होता है। इसका ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल प्रोडक्ट में सुरक्षित समझा जाता है।
लेकिन, ऐसी कोई स्टडी अभी तक नहीं की गई है जो ये बता सके कि सिर्फ हाइड्रोजन पेरॉक्साइड से ब्रश करने पर दांतों को साफ या चमकाया जा सकता है। लेकिन कई स्टडी में पेरॉक्साइड युक्त टूथपेस्ट के प्रभाव की जांच जरूर की गई है।
एक स्टडी में पाया गया कि बेकिंंग सोडा और 1% हाइड्रोजन पेरॉक्साइड युक्त टूथपेस्ट का इस्तेमाल करने से दांतों को काफी हद तक चमकदार और स्वस्थ बनाया जा सकता है। (13)
अन्य अध्ययन में पाया गया कि बेकिंग सोडा और पेरॉक्साइड युक्त टूथपेस्ट को 6 हफ्तों तक दिन में 2 बार करने से 62% तक बेहतर रिजल्ट और दांतों को चमकदार बनाया जा सकता है। (14)
हालांकि, हाइड्रोजन पेरॉक्साइड के सुरक्षित इस्तेमाल के संबंध में भी कई सवाल पूछे जाते हैं।
अगर पेरॉक्साइड को अत्याधिक डाइल्यूट करके इस्तेमाल किया जाए तो ये सुरक्षित माना जाता है। वहीं अगर इसे बिना डाइल्यूट किए इस्तेमाल में लाया जाए या ज्यादा इस्तेमाल किया जाए तो इससे मसूड़ों में जलन और दांतों में सेंसिटिविटी बढ़ने के साथ ठंडा-गर्म पानी लगने की समस्या भी हो सकती है। इसके अलावा, ये भी कहा जाता है कि इससे मुंह के कैंसर का खतरा भी होता है, लेकिन ये अभी तक साबित नहीं किया जा सका है। (15, 16, 17, 18, 19)
हाइड्रोजन पेरॉक्साइड को इस्तेमाल करने के लिए 2 टेबलस्पून हाइड्रोजन पेरॉक्साइड को 1 टेबलस्पून बेकिंंग सोडा के साथ मिला लें। एक चने के बराबर मात्रा लेकर दांतों को ब्रश करें। इस होममेड टूथपेस्ट को हफ्ते में 2-3 बार इस्तेमाल किया जा सकता है। ज्यादा इस्तेमाल करने पर मसूड़ों में नुकसान पहुंचने और दांतों के एनामेल को नुकसान पहुंचने का खतरा हो सकता है।
सारांश (Summary)
हाइड्रोजन पेरॉक्साइड प्राकृतिक ब्लीचिंग एजेंट है जो मुंह के बैक्टीरिया को मार सकता है। इसे समान मात्रा में पानी मिलाकर माउथवॉश के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। या फिर, बेकिंग सोडा के साथ मिलाकर टूथपेस्ट की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।
4. एप्पल साइडर विनेगर का इस्तेमाल करें (Use Apple Cider Vinegar)
एप्पल साइडर विनेगर को सदियों से कीटाणुनाशक और नेचुरल क्लीनिंग प्रोडक्ट के तौर पर इस्तेमाल किया जाता रहा है। एप्पल साइडर विनेगर में काफी मात्रा में एसिटिक एसिड (Acetic Acid) पाया जाता है। एसिटिक एसिड को जीवाणु रोधक माना जाता है।
विनेगर या सिरके के एंटी बैक्टीरियल गुणों के कारण ही इसे मुंह को साफ करने और दांतों की सफाई में इस्तेमाल किया जाता है। (20, 21, 22, 23)
गाय के दांतों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि एप्पल साइडर विनेगर में ब्लीचिंग के गुण पाए जाते हैं। लेकिन ये भी पाया गया है कि सिरके के प्रभाव के कारण दांत गलकर समाप्त भी हो सकते हैं। (24)
विनेगर में पाया जाने वाला एसिटिक एसिड, दांतों की सबसे बाहरी परत यानी एनामेल के क्षरण का कारण बन सकता है। इसी वजह से एप्पल साइडर विनेगर को रोज इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। आप इसे हफ्ते में 1-2 बार दांतों की सफाई के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। (25)
एप्पल साइडर विनेगर को माउथवॉश के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए इसे पानी में मिलाकर डाईल्यूट कर लें और तभी इस्तेमाल करें। इसे इस्तेमाल करने के बाद सादे पानी से मुंह धोना बिल्कुल न भूलें।
सारांश (Summary)
एप्पल साइडर विनेगर में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो दांतों को सफेद बनाने में मदद कर सकते हैं। हालांकि विनेगर के ज्यादा इस्तेमाल से दांतों के एनामेल को नुकसान पहुंच सकता है, इसलिए इसका इस्तेमाल हफ्ते में कुछ बार ही किया जाना चाहिए।
5. फल और सब्जियों का सेवन करें (Eat Fruits And Vegetables)
फल और सब्जियों की अधिकता वाला भोजन न सिर्फ आपके शरीर बल्कि दांतों के लिए भी बहुत अच्छा माना जाता है। हालांकि ये दांतों को ब्रश करने का विकल्प नहीं है।
लेकिन इसके बाद भी कच्चे फल और सब्जियों का चबाकर सेवन करने से दांतों पर जमे प्लाक को रगड़कर निकलने का मौका मिलता है।
स्ट्रॉबेरी और अनानास दो ऐसे फल हैं जिनके सेवन से दांतों को सफेद करने में मदद मिलने का दावा किया जाता है।
1. स्ट्रॉबेरी (Strawberries)
स्ट्रॉबेरी और बेकिंग सोडा के मिश्रण को दांतों को चमकाने का नुस्खा बहुत पुराना है। इस नुस्खे को कई सेलिब्रिटी ने पॉपुलर बनाया है। इस विधि में इस्तेमाल होने वाली चीजों में पाए जाने वाले गुणों की बात करें तो, स्ट्रॉबेरी में मैलिक एसिड पाया जाता है जो दांतों पर जमे पीलेपन को हटाता है। जबकि बेकिंग सोडा दागों को सतह से फुलाकर निकालने में मदद करता है।
हालांकि, इस उपाय का कोई भी वैज्ञानिक आधार नहीं है। फिर भी, स्ट्रॉबेरी दांतों को घिसकर सफेद बनाने में मदद कर सकती है। लेकिन अगर आपके दांत या मसूड़ों में घाव हैं तो ये उनके अंदर घुस सकती है।
हाल ही में की गई एक स्टडी में पाया गया कि स्ट्रॉबेरी और बेकिंग सोडा के मिश्रण से दांतों के रंग में बहुत थोड़ा सा बदलाव आया था। जबकि कॉमर्शियल प्रोडक्ट से ज्यादा बदलाव रजिस्टर किया गया था। (26)
अगर आप इस विधि को आजमाना चाहते हैं तो इस्तेमाल हफ्ते में कुछ बार ही करें। इस उपाय को आजमाने के लिए ताजी स्ट्रॉबेरी को बेकिंग सोडा के साथ मिलाकर पीस लें। इससे दांतों पर ब्रश करें।
लेकिन कई स्टडी में ये पाया गया है कि स्ट्रॉबेरी और बेकिंग सोडा के मिश्रण से दांतों के एनामेल पर बहुत थोड़ा प्रभाव पड़ता है, लेकिन ज्यादा इस्तेमाल करने से एनामेल को क्षति पहुंच सकती है। (27, 28)
2. पाइनएप्पल/ अनानास (Pineapple)
कुछ स्टडी में ये दावा किया गया है कि अनानास के सेवन से दांत सफेद हो सकते हैं।
एक अध्ययन में पाया गया है कि पाइनएप्पल में पाए जाने वाले एक एंजाइम ब्रोमेलैन (Bromelain) युक्त टूथपेस्ट करने से साधारण टूथपेस्ट की तुलना में दांतों को ज्यादा जल्दी साफ किया जा सकता है। (29)
लेकिन, ऐसा कोई सबूत मौजूद नहीं है जिससे ये दावा किया जा सके कि अनानास के सेवन से भी वैसा ही प्रभाव उत्पन्न किया जा सकता है।
सारांश (Summary)
कुछ फलों में दांतों को सफेद बनाने के गुण पाए जाते हैं। नियमित रूप से कच्चे फलों और सब्जियों के सेवन से प्लाक को घिसकर साफ करने में मदद मिलती है। इसके अलावा दांत सफेद और चमकदार भी दिखने लगते हैं।
6. दांतों पर गंदगी जमने ही न दें (Prevent Tooth Stains Before They Happen)
आपके दांत उम्र बढ़ने के साथ प्राकृतिक रूप से पीले होते जाते हैं, लेकिन कुछ चीजों की मदद से दांतों पर गंदगी जमने से रोका जा सकता है। जैसे,
1. निशान बनाने वाले फूड और बेवरेज का कम इस्तेमाल (Limit Staining Foods And Beverages)
कॉफी, रेड वाइन, सोडा और डार्क बेरीज को दांतों पर दाग-धब्बे के निशान जमाने के लिए बदनाम माना जाता है। लेकिन इसका ये मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि आपको इनका सेवन नहीं करना है। बल्कि आपको इनका इस्तेमाल कम से कम करना है। इसके अलावा कोशिश करनी है कि ये दांतों के संपर्क में कम से कम आएं।
अगर संभव हो तो इन पेय पदार्थों को आप स्ट्रॉ डालकर पिएं। इससे ये दांतों
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