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ज़रूरत से ज़्यादा मीठा खाने से एंड्रोजन का अत्यधिक स्राव होने लगता है
सेहतमंद रहने के लिए ज़रूरी है कि हम प्रोटीन, विटामिन्स, कार्ब्स, फैट और खनिज पदार्थ जैसे सभी पोषक तत्वों का सेवन करें। हालांकि, हमारे रोज़ के खाने में कुछ ऐसी चीज़ें हैं, जो शरीर को फायदा नहीं पहुंचाती फिर भी हम उनका सेवन करते हैं। इनमें से एक है चीनी, जिसके बारे में आज हम बात करेंगे।
जैसा कि हम जानते हैं कि चीनी खाने से हमारे शरीर को फायदा नहीं पहुंचता है। ज़्यादा मीठे या चीनी का सेवन कई तरह की बीमारियों को न्योता देता है। जिसमें वज़न बढ़ना, डायबिटीज़, दांतों में कैविटी और हाई बीपी शामिल है। यानी तंदरुस्त शरीर के लिए ज़रूरी है कि हम चीनी का कम से कम सेवन करें। तो आइए आज जानते हैं कि ज़्यादा चीनी खाने से शरीर पर क्या असर पड़ता है।
ज़्यादा मीठा खाने से शरीर पर दिखने लगते हैं ये 8 बदलाव
एक्ने
ज़रूरत से ज़्यादा मीठा खाने से एंड्रोजन का अत्यधिक स्राव होने लगता है, जिससे एक्ने ट्रिगर हो सकता है।
कमज़ोरी
ज़्यादा चीनी या मीठे का सेवन शरीर में ऊर्जा के स्तर को भी कम करता है, जिसकी वजह से आप कमज़ोरी और थकावट महसूस करने लगते हैं। ज़्यादातर चीनी युक्त चीज़ों में ज़रूरी पोषक तत्व नहीं होते।
हाई ब्लड प्रेशर
चीनी का नकारात्मक असर ब्लड प्रेशर पर भी पड़ता है, जिससे हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या शुरू हो सकती है।
वज़न बढ़ने लगता है
चॉकलेट, मिठाई या फिर सफेद चीनी ज़्यादा खाने से आपका वज़न तेज़ी से बढ़ने लगता है।
खराब मूड
डाइट में ज़रूरत से ज़्यादा चीनी से मूड पर असर पड़ता है। इससे आप हर वक्त चिड़चिड़ाहट महसूस करते हैं।
जोड़ों में दर्द होना
ऐसी कई रिसर्च हुई हैं, जिससे पता चलता है कि चीनी का ज़्यादा सेवन और रूमेटाइड अर्थराइटिस में संबंध है। यानी अगर आपकी डाइट में चीनी का अधिक सेवन शामिलल है, तो इससे आपकी हड्डियां भी प्रभावित हो सकती हैं।
नींद न आना
कमज़ोरी और चिड़चिड़ेपन की वजह से नींद भी प्रभावित होती है। मीठा ज़्यादा खाने से नींद पर बुरा असर पड़ता है।
पेट से जुड़ी समस्याएं
जो लोग पहले से आंत से जुड़ी दिक्कतों से जूझ रहे हैं, जैसे आईबीएस या क्रोहन रोग, इनमें ज़्यादा चीनी का सेवन स्थिति को और बिगाड़ सकता है।
तो मीठे का हेल्दी ऑप्शन क्या है?
चीनी की जगह शहद या गुड़ का सेवन हेल्दी माना जाता है। हालांकि, कई हेल्थ एक्सपर्ट्स ऐसा नहीं मानते, क्योंकि शहद, गुड़ और चीनी का ग्लायसेमिक इंडेक्स समान होता है।
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