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व्यवहार की भाषा समझें (understand the meaning of behaviour)
एक बात सबको पता होनी चाहिए कि डिप्रेशन के लक्षण महिलाओं और पुरुषों में अलग-अलग होते हैं। जैसे महिलाएं डिप्रेशन में उतना गुस्सा नहीं दिखतीं, जितना पुरुष दिखाते हैं। इतना ही नहीं महिलाओं के मुकाबले पुरुष एल्कोहल को अपना साथी ज्यादा बनाते हैं। पुरुषों में डिप्रेशन के दौरान व्यवहार से जुड़े कुछ खास लक्षण और होते हैं। इन्हें पहचान लीजिए-
बहुत ड्रिंक करना
परिवार और समाज से दूरी बना लेना
बिना ब्रेक लिए लगातार काम करते रहना
काम और परिवार की जिम्मेदारी उठाने में कठिनाई
रिश्तों में एब्यूजीव (abusive) हो जाना
रिस्क वाले काम करना, जैसे गैम्बलिंग (Gambling)
आत्महत्या की कोशिश करना
व्यवहार के पीछे (Behind this behavior)
डिप्रेशन के दौरान पुरुषों के व्यवहार से जुड़े लक्षण यूं ही नहीं आते हैं बल्कि इसके पीछे भी एक कारण होता है। दरअसल पुरुषों को दुख छुपाने की ही ट्रेनिंग दी जाती है। फिर इसी ट्रेनिंग को दिखाते हुए पुरुष अपने दुखों को छुपाने के लिए इन सारे बिहेवियर का नकाब सा बना लेते हैं।
उनको लगता है कि दूसरों को उनके डिप्रेशन के बारे में पता ही नहीं चलेगा। ये सच है कि ज्यादातर लोग इस बहकावे में आ भी जाते हैं। वो गुस्से के पीछे छिपे डिप्रेशन को पहचान ही नहीं पाते हैं। इस दौरान अवसाद का शिकार शख्स बीमार होता जाता है। ऊपर लिखे सारे लक्षण उन्हें और भी बीमार कर देते हैं।
शौक से हो जाए दूरी (Distance from hobby)
symptoms of depression in daily life men in hindi
© Shutterstock
डिप्रेशन के दौरान अक्सर पुरुष अपने शौकों पर ध्यान देना भूल जाते हैं। जबकि शौक यानि हॉबी मोटिवेट करने में बहुत मदद करते हैं। चूंकि डिप्रेशन घेरे होता है इसलिए शौक पर ध्यान नहीं जाता या कहें खुद को आगे बढ़ने देने की हिम्मत ही पुरुष नहीं दिखा पाते हैं। वो अंदर ही अंदर घुटते चले जाते हैं और डिप्रेशन उन्हें बर्बाद कर देता है।
इमोशन पर असर (Emotional effect)
डिप्रेशन का व्यवहार पर असर होता है लेकिन इसका भावनाओं पर भी बराबर का असर होता है। खराब मूड के चलते अक्सर पुरुष दुख को खुद पर हावी हो जाने देते हैं। ऐसे में उन पर इमोशनल असर भी खूब होता है। इन इमोशनल बदलावों को भी पहचाना जा सकता है, आप भी इन्हें पहचान लीजिए-
गुस्सा
कुंठा
चिढ़चिढ़ापन
आक्रामकता
ये सारे ही लक्षण सिर्फ इसलिए पुरुषों में नजर आते हैं क्योंकि वो अपने दुख सबको दिखा ही नहीं पाते हैं। उनको लगता है कि अगर वो दुख दूसरों के सामने लाएंगे तो उन्हें ही कमजोर समझा जाएगा। इसी सोच के चलते गुस्सा और आक्रामकता जैसे भावनात्मक बदलाव उनमें महसूस किए जाते हैं। वो इस तरह खुद को दूसरों पर हावी महसूस कर पाते हैं और ताकतवर भी।
शारीरिक बदलाव भी जानिए (know about physical changes)
पुरुषों में डिप्रेशन के बाद व्यवहार के बदलाव के साथ भावनात्मक बदलाव भी देखे जाते हैं। लेकिन मानसिक बीमारी डिप्रेशन शारीरिक तौर पर भी पूरी तरह से हमला करती है। ये शरीर को कमजोर और बीमार करता जाता है। इससे शरीर पर कई सारे असर देखे जाते हैं। जैसे-
सिर में दर्द
सीने में भारीपन
जोड़ों और बैक में दर्द
थकावट
कब्ज की परेशानी
नींद में खलल
नींद बहुत ज्यादा या बहुत कम
खाना कम हो जाना या बहुत ज्यादा लगना
बिना वजह वजन का बढ़ना
ये सारे लक्षण डिप्रेशन के दिमाग पर असर के चलते होते हैं। इसकी वजह से दिमाग के जरूरी केमिकल में बदलाव होता है और परिणाम ये सारे होते हैं। ये बात विशेषज्ञ भी मानते हैं कि डिप्रेशन की वजह से दर्द और मूड को प्रभावित करने वाले हार्मोन जैसे सेरोटोनिन के स्तर गिरने लगते हैं।
डिप्रेशन की तीन वजहें (Three reason of depression)
डिप्रेशन होने के तीन प्रमुख कारण होते हैं,
आनुवांशिक : अगर परिवार में किसी को या कई लोगों को पहले भी डिप्रेशन रहा है तो इसके होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।
माहौल : कई बार जिंदगी में ऐसा माहौल बन जाता है कि डिप्रेशन दे ही जाता है, जैसे पैसों की दिक्कत, रिश्तों में कड़वाहट, काम से जुड़ी परेशानियां या फिर कोई और तनाव देने वाली स्थिति।
बीमारी : ऐसी ढेरों बीमारियां हैं, जो जिंदगी को पूरी तरह से बदल देती हैं। इनके साथ आप आम जिंदगी जी ही नहीं पाते हैं तो डिप्रेशन की संभावना भी बढ़ जाती है। ऐसी बीमारियों में पारकिनसन, दिल की बीमारी या फिर कैंसर को भी शामिल किया जा सकता है।
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