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सूर्य नमस्कार एक पुरानी और लोकप्रिय योग तकनीकों में से एक है, जिसमें सूर्य को सम्मान दिया जाता है। सूर्य को जीवन के सभी रूपों का स्रोत माना जाता है एवं सूर्य नमस्कार के फायदे अनेक है। यह 12 शक्तिशाली योग आसनों से मिलकर बना है। सूर्य का मतलब सूरज है। नमस्कार का अर्थ है सलाम या नमस्ते। इसे सिर्फ पौराणिक मान्यताओं के कारण ही विशेष नहीं माना जाता है। यह हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। इस वजह से ये बेहद प्रभावशाली योगासन माना जाता है।
यह योग का ही एक रूप है। सूर्य नमस्कार में एक के बाद एक पोज किए जाते हैं। इसमें 12 आसनों का एक सेट होता है। सूर्य नमस्कार के हर राउंड में 2 सेट शामिल होते हैं। इस योग के विभिन्न प्रकार भी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सूर्य नमस्कार के सभी स्टेप्स को ठीक से करना चाहिए, तभी इसका अच्छा परिणाम देखने को मिलेगा। इसे नियमित रूप से करें।
सूर्य नमस्कार के फायदे क्या हैं?
सूर्य नमस्कार के फायदे कई हैं। प्राचीन समय में संतों और ऋषियों ने कहा था कि कुछ दिव्य शक्तियां मानव शरीर के विभिन्न हिस्सों को नियंत्रित करती हैं। सोलर प्लेक्सस मानव शरीर का एक केंद्रीय बिंदु है। यह नाभि के ठीक पीछे स्थित होता है। इसे शरीर का दूसरा दिमाग भी कहते हैं। यह सूर्य से जुड़ा हुआ माना गया है।
सूर्य नमस्कार के फायदे यह है की ये योग आपकी आंतरिक ऊर्जा को बढ़ाता है। इससे सोलर प्लेक्सस भी जागृत हो जाता है। सूर्य नमस्कार के 12 पोज 12 सूर्य चक्रों को आपके शरीर के साथ समायोजित कर देते हैं। जब रोज कुशलता से योग आसन किया जाता है तो सूर्य नमस्कार के फायदे यह है की ये आपके आत्मविश्वास, रचनात्मकता और मानसिक क्षमताओं का विकास होता है।
सूर्य नमस्कार के आसन
1 – प्राणायाम
2 – हस्तोत्तानासन
3 – हस्तपदासन
4 – अश्व संचालासन
5 – दंडासन
6 – अष्टांग नमस्कार
7 – भुजंगासन
8 – अधो मुख स्वांसन
9 – अश्व संचलाना
10 – हस्तपादासन
11 – हस्तोत्तानासन
12 – ताड़ासन
सूर्य नमस्कार के लाभ
वजन घटाने के लिए सूर्य नमस्कार
सूर्य नमस्कार, कूल्हों, जांघों, पेट, ठोड़ी और गर्दन जैसे अंगों के वसा को बर्न कर देता है। सूर्य नमस्कार योग का नियमित और अनुशासित रूप से अभ्यास करने से मेटाबॉलिज्म सही रहता है। इससे पेट की मांसपेशियां खिंचती हैं और वजन कम होता है। एब्स को टोन करता है। शरीर को मजबूत बनाने के लिए सूर्य नमस्कार आसन बहुत बढ़िया है।
रचनात्मकता को बढ़ाता है
सूर्य नमस्कार का एक सबसे अच्छा लाभ यह है कि यह मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी से मिलकर बने तंत्रिका तंत्र को पुनर्जीवित करता है, जिससे आपकी एकाग्रता शक्ति बढ़ती है।
संतुलन की शक्ति बढ़ती है
सूर्य नमस्कार योग की मदद से 3 दोषों – कप, वात और पित को संतुलित किया जा सकता है। ये तीनों तत्व कई कारणों की वजह से असंतुलित हो जाते हैं। इनके असंतुलन का कारण है- मौसम, तनाव, भोजन, नींद आदि। सूर्य नमस्कार योग के नियमित अभ्यास के साथ इन्हें संतुलित किया जा सकता है।
खून के संचार में सुधार करता है
प्रत्येक सूर्य नमस्कार आसन में सांस छोड़ने की प्रक्रिया शामिल होती है। इससे खून को ऑक्सीजन मिलता रहता है। शरीर में ताजा रक्त का प्रवाह होता है जो विषैले तत्वों और कार्बन-डाइऑक्साइड को खत्म करता है।
त्वचा की चमक और बालों की गुणवत्ता को बढ़ाता है
अच्छे रक्त संचार से आपकी त्वचा पर प्राकृतिक चमक आती है। सूर्य नमस्कार न केवल आपके रक्त परिसंचरण और त्वचा को लाभ पहुंचाता है, बल्कि बालों को झड़ने और सफेद होने से रोकता है।
ब्लड प्रेशर और हृदय संबंधी समस्याएं ठीक करता है
सूर्य नमस्कार करने से शुगर का लेवल संतुलित रहता है। जिससे दिल के दौरे का खतरा कम हो जाता है। आपकी आंखें, गुर्दे और तंत्रिकाएं स्वस्थ रहती हैं।
भावनात्मक स्थिरता आती है
सूर्य नमस्कार योग आपके मन को शांत और संतुलित करता है। इससे आपकी रचनात्मकता और मानसिक क्षमताएं बढ़ जाती हैं। सूर्य नमस्कार योग में सांस लेना और छोड़ना शामिल होता है जिससे कोशिकाओं पर भी सकारात्मकर प्रभाव पड़ता है।
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Kajal Dubey
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