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हाथ में आधा चांद का बना है किस्मत की बात, जानिए इसका मतलब

Rani Sahu
13 Jun 2021 11:47 AM GMT
हाथ में आधा चांद का बना है किस्मत की बात, जानिए इसका मतलब
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कहते हैं हमारी हाथों की लकीरों हमारी किस्मत का आईना होती है।

कहते हैं हमारी हाथों की लकीरों हमारी किस्मत का आईना होती है। इन लकीरों से अलग-अलग आकृतियां बनी होती है। ये हमें हमारे भाग्य व नेचर से जुड़े कई गहरे राज को बयां करती है। ज्योतिष, समुद्रशास्त्र व हस्तरेखा शास्त्री के अनुसार, अगर किसी के दोनों हाथों की लकीरों पर एक समान अर्द्धचंद्र यानि आधे चांद की आकृृति बने तो यह बेहद ही शुभ होता है। इसके अनुसार, व्यक्ति का वैवाहिक जीवन सुखमय और सेहत बरकरार रहती है। चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से...

ससुराल वालों से मजबूत संबंध
दोनों हाथों की लकीरों को मिलाकर बने अर्द्धचंद्र को शुभ माना जाता है। कहते हैं कि ऐसे आकृति वालों का ससुराल पक्ष से मधुर संबंध बनते हैं। इन्हें ससुराल वालों से प्यार, सम्मान व समय-समय पर उपहार मिलते हैं। वहीं ये लड़कियां भी ससुरालवालों के साथ बेहद घुल मिलकर रहती है।
अगर ऐसी हो अर्धचंद्राकार आकृति
अगर किसी के दोनों हाथ मिलाने पर अर्धचंद्राकार आकृति बने। मगर दोनों हाथों की ह्रदय रेखाएं गोलाकार की जगह पर एकदम सीधी होकर गुरु पर्वत की ओर जाएं। इसके साथ हाथों में शुक्र पर्वत अच्छी स्थिति में नजर आए तो उस व्यक्ति का वैवाहिक जीवन सुखी व खुशी से बीतता है। साथ ही उसे अपने मनचाहा साथी मिलता है।
गुरु पर्वत पर क्रॉस का निशान होना
भाग्य की रेखा चंद्र पर्वत से शुरू होना और गुरु पर्वत पर क्रॉस का निशान शुभ संयोग माना जाता है। कहा जाता है कि इससे वैवाहिक जीवन सुखमय बीतता है। साथ ही यह शुभ संयोग पुरुष के हाथों पर हो तो उसे जीवन के हर पड़ाव पर पार्टनर का साथ मिलता है।
अगर शनि और गुरु पर्वत के बीच आएं हृदय रेखा
अगर दोनों हाथों की ह्रदय रेखा थोड़ा सा मुड़कर गुरु व शनि पर्वत के बीच आकर खत्म हो तो यह शुभ संयोग कहलाता है। माना जाता है कि ऐसे लोग भावनात्‍मक और शारीरिक रूप से मजबूत होते हैं। इसलिए ये किसी भी परिस्थिति में ख़ुद को दूसरे के सामने आसानी से रखने में सक्षम होते हैं।
अगर चंद्र पर्वत से भाग्‍य रेखा ह्रदय रेखा को छुएं
हाथ में बनी भाग्य यानि किस्मत की रेखा चंद्र पर्वत से शुरू होकर ह्रदय रेखा को छूते हुए गुरु पर्वत की तरफ मुड़े तो शुभ होता है। मान्यता है कि इससे विवाह के मामले में शुभ संयोग कहा जाता है। ऐसे में व्यक्ति का वैवाहिक जीवन सुखमय और खुशहाली से बीतता है।


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