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रॉबर्ट एमंस दुनिया के उन चंद लोगों में से हैं, जिन्होंने ग्रैटीट्यूड यानि कृतज्ञता को वैज्ञानिक नजरिए से समझने की कोशिश की है. अगर हम कृतज्ञ होते हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | रॉबर्ट एमंस दुनिया के उन चंद लोगों में से हैं, जिन्होंने ग्रैटीट्यूड यानि कृतज्ञता को वैज्ञानिक नजरिए से समझने की कोशिश की है. अगर हम कृतज्ञ होते हैं, अपने जीवन के उन पहलुओं पर ज्यादा ध्यान देते हैं, जो सुंदर और सकारात्मक हैं तो उसका हमारे शरीर की आंतरिक कार्य प्रणाली पर क्या असर पड़ता है.
रॉबर्ट एमंस अपनी किताब "वर्ल्डस ऑफ ग्रैटीट्यूड" में लिखते हैं कि किसी का जीवन अंधेरे और बुरे अनुभवों से खाली नहीं होता. बुरे और नकारात्मक अनुभव ज्यादा ताकतवर भी होते हैं, जो मैमोरी बॉक्स के एक बड़े हिस्से में अपनी जगह बना लेते हैं. सकारात्मक सोचने का अर्थ बुरे अनुभवों को दबाना या उन्हें खत्म करने की कोशिश करना नहीं है. उन्हें देखने और आत्मसात करने की जरूरत है. लेकिन साथ ही हमारे व्यक्तित्व और दिमाग के उस हिस्से को ज्यादा बल देने और पोसने की जरूरत है, जो जीवन के सुंदर होने के एहसास से भरा है.
डॉ. रॉबर्ट लिखते हैं कि कृतज्ञता भी एक तरह का रियाज है, जीवन की बाकी कलाओं और प्रतिभाओं की तरह. हर छोटी-छोटी बात के लिए कृतज्ञ होना भी लगातार प्रैक्टिस करने से आता है. जैसेकि रोज रात में सोने से पहले आप सिर्फ दो उन बातों को, उन क्षणों को याद करिए, जब आपको अच्छा महसूस हुआ.
वो कहते हैं कि दिन भर में बहुत कुछ ऐसा हुआ होगा, जब दुख और धोखे का एहसास हुआ होगा. किसी ने तेज आवाज में बात की, किसी ने अपना वादा पूरा नहीं किया, किसी ने मैनिपुलेट करने की कोशिश की, किसी ने बात नहीं सुनी, कहीं दिल टूटा, खाना जल गया, ट्रेन छूट गई या कार का डायर पंक्चर हो गया.
लेकिन इन सारे अनुभवों के साथ मुमकिन है ऐसा भी हुआ हो कि जब आप दुखी और उदास महसूस कर रहे थे, जब किसी ने पास आकर पूछा हो कि तुम्हें क्या तकलीफ है. क्या मैं तुम्हारी कुछ मदद कर सकता हूं. कुछ नहीं तो किसी ने आगे बढ़कर पानी का एक गिलास ही पकड़ा दिया हो.
आपने अकेलेपन में किसी दोस्त को फोन किया हो तो तमाम व्यस्तताओं के बीच भी उस दोस्त ने आपसे बात की हो. सड़क पर कोई अजनबी राहगीर आपको देखकर मुस्कुराया हो. किसी बच्चे ने अपनी टॉफी आपको दे दी हो. सालों पुराने किसी दोस्त का खत या ई मेल आया हो. अचानक कहीं बैकग्रांउड में कोई ऐसा गाना बज उठा हो, जो किसी गुजरे समय की याद दिलाता हो.
ऐसा बहुत कुछ हुआ हो सकता है, जिसे याद करके और जिसके बारे में सोचकर अच्छा महसूस हो. अगर आप रात में सोने से पहले एक भी ऐसा क्षण याद कर पाते हैं, जिसकी स्मृति से चेहरे पर मुस्कान आ जाए और जिसके लिए कृतज्ञता महसूस हो तो यकीन मानिए कि आप बहुत खुशकिस्मत हैं.
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