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हर महिला के लिए गर्भावस्था एक बेहद ही खूबसूरत एहसास होता है। नौ महीने तक चलने वाली इस प्रक्रिया में महिला को कई बदलावों से गुजरना पड़ता है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हर महिला के लिए गर्भावस्था एक बेहद ही खूबसूरत एहसास होता है। नौ महीने तक चलने वाली इस प्रक्रिया में महिला को कई बदलावों से गुजरना पड़ता है। वहीं एक्सपर्टस के अनुसार, प्रेगनेंसी की पहली तिमाही यानि पहले तीन महीने बेहद ही महत्वपूर्ण होते हैं। असल में, इस दौरान गर्भपात होने का खतरा अधिक रहता है। इसलिए इस अवधि में महिलाओं को अपना खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। चलिए आज हम आपको इस आर्टिकल में बताते हैं कि गर्भावस्था की पहली तिमाही दौरान किन सावधानियों को बरतना चाहिए...
हाइड्रेटेड रहना
गर्भावस्था दौरान खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करें। इससे गर्भ में पल रहे बच्चे का भी बेहतर शारीरिक व मानसिक विकास होता है। इसके लिए आप पानी, जूस, सूप आदि का सेवन कर सकती है।
विटामिन लें
इस दौरान महिलाओं को हेल्दी रहने के लिए समय-समय पर डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। असल में, प्रेगनेंसी के पहले 3 महीने मां और भ्रूण दोनों के लिए ही बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इसलिए इस दौरान डॉक्टर द्वारा बताए विटामिन्स का सेवन करें। इसके साथ ही डेली डाइट में फोलिक एसिड से भरपूर चीजें खाएं। इससे आपको खून की कमी होने से भी बचाव रहेगा।
धूम्रपान व अल्कोहल से रखें परहेज
अगर आप धूम्रपान व अल्कोहल का सेवन करती है तो अपनी इस आदत को छोड़ दें। इससे इम्यूनिटी कम होने, वजन घटने, गर्भापात, समय से पहले प्रसव आदि का खतरा रहता है। इसके अलावा सेकेंड हैंड स्मोकिंग से अचानक शिशु मृत्यु सिंड्रोम (एसआईडीएस) का भी खतरा होता है। अल्कोहल व कैफीन का अधिक सेवन करने से भी बच्चे की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए इन सब चीजों से दूरी बनाकर रखें। इसके अलावा कोला, सोडा, चॉकलेट, ग्रीन और ब्लैक टी आदि का सेवन कम मात्रा में करें।
अपनी डेली डाइट का रखें ध्यान
इस दौरान महिलाओं को पोषक तत्वों व एंटी-ऑक्सीडेंट्स गुणों से भरपूर चीजों का सेवन करना चाहिए। ताकि मां और शिशु का बेहतर विकास हो पाएं।
- डेली डाइट में ओमेगा -3 का सेवन बढ़ाएं। इसके लिए अधिक नट्स और बीजों का सेवन करें। इससे बच्चे के दिमाग, आंखों और तंत्रिकाओं का विकास होगा।
- अंडे की जर्दी, दूध, टूना, सालमन और मछली के लीवर के तेल का सेवन करें। इससे शरीर को उचित मात्रा में विटामिन डी मिलेंगा। इसके साथ ही रोजाना 10-15 मिनट तक धूप सेंके।
- डेयरी उत्पादों, ब्रोकोली, पालक, टोफू आदि का सेवन करें। कैल्शियम से भरपूर इन चीजों का सेवन करने से हड्डियों व मांसपेशियों में मजबूती आएगी।
- अपनी डाइट में कैलोरी को शामिल करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।
इन सबके अलावा किसी भी सब्जी, फल आदि का सेवन करने से पहले उसे अच्छे से धो लें। ताकि उनपर लगे कीटनाशकों के अवशेष हट जाएं।
मछली और समुद्री भोजन
प्रेगनेंसी के पहले तिमाही में मछली और समुद्री भोजन खाने से बचें। भले ही ये चीजें प्रोटीन व वसा से भरपूर होते हैं। मगर इसमें उच्च पारा स्तर भी होते हैं जो बच्चे के दिमागी व शारीरिक विकास में रूकावट डाल सकते हैं।
प्रसव पूर्व OB/GYN का दौरा करना न भूलें
गर्भावस्था का पता चलने के बाद अपनी प्रसवपूर्व नियुक्ति का समय तय करें। इसके लिए एक अच्छे स्त्री रोग विशेषज्ञ या प्रसूति रोग विशेषज्ञ से मिले। डॉक्टर से आप अपनी सेहत के बारे में बेहतर तरीके से जान पाएंगे। वे आपको अपनी हेल्द के मुताबिक दवा व डाइट लेने के बारे में बताएंगे। इस दौरान डॉक्टर आपसे आपकी सेहत संबंधी कुछ बातों के पूछ सकती है। ऐसे में उन्हें हर चीज एकदम सही बताएं। इससे आपका बेहतर इलाज हो पाएं। इसके अलावा अगर आप कोई दर्द या परेशानी महसूस कर रही है तो भी डॉक्टर से सलाह लें।
अपना वजन पर ध्यान दें
गर्भावस्था दौरान वजन बढ़ना आम बात है। मगर फिर भी गर्भवती होने की कोशिश करने से पहले ही स्वस्थ बीएमआई रखें। मोटापा होने से प्रेगनेंसी दौरान कुछ परेशानियां बढ़ सकती है। इसके अलावा पहली तिमाही में अचानक से अधिक वजन बढ़ना भी अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसे में अपने डॉक्टर की सलाह लें। इसके साथ ही अपनी डेली डाइट पर खास ध्यान दें।
एक्सरसाइज करें
आप गर्भावस्था के पहले तिमाही में हल्की-फुल्की की एक्सरसाइज कर सकती है। इससे आपकी इम्यूनिटी व मेटाबॉलिज्म तेज होगा। ऐसे में ब्लड प्रेशर व शरीर में शुगर का स्तर कंट्रोल रहेगा। मांसपेशियों व हड्डियों में मजबूती आएगी। इसके साथ ही सांस प्रक्रिया तेज होती है। मगर फिर भी इसे करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर की सलाह लेना ना भूलें।
जड़ी बूटी और दवाएं
अक्सर कई महिलाएं गर्भावस्था दौरान जड़ी-बूटियों का सेवन व घरेलू नुस्खों को अपनाती है। मगर कुछ हर्बल सप्लीमेंट और दवाएं हानिकारक होती हैं। ऐसे में इसे खाने से बचें।किसी भी चीज का सेवन करने से पहले योग्य डॉक्टर से परामर्श लें।
हॉट टब और सौना बाथ से बचें
लंबे समय तक उच्च तापमान में रहने से भ्रूण में न्यूरल ट्यूब दोष (एनटीडी) का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में इस दौरान हॉट टब और सौना बाथ लेने से बचें। आप जोड़ों, पीठ या शरीर के अन्य हिस्से पर होने वाले दर्द को कम करने के लिए कपड़े को गर्म करके प्रभावित जगह पर रखकर आराम पा सकती है।
तेज गंध से बचें
गर्भावस्था के पहले तिमाही में कई महिलाओं को तेज गंध की भावना का अनुभव होता है। इसके कारण मॉर्निंग सिकनेस और मितली जैसे लक्षण बढ़ने लगते हैं। ऐसे में गंध से दूर की कोशिश करें।
एसटीडी (यौन संचारित रोग) के लिए परीक्षण करवाएं
गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के शुरुआती चरण में एसटीडी और एचआईवी की जांच जरूर करवानी चाहिए। इन संक्रमणों में गर्भावस्था आपके और शिशु के स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण असर डाल सकती है। ऐसे में रोग के जोखिम से बचने के लिए आप गर्भ निरोधकों का उपयोग कर सकती है।
पहली तिमाही में हवाई यात्रा करना कितना सुरक्षित
वैसे तो पहली तिमाही में हवाई यात्रा करना सुरक्षित माना जाता है। मगर अक्सर गर्भावस्था के पहले तीन महीने की बेहद खास होते हैं। असल में, इस दौरान गर्भपात की संभावना सबसे अधिक होती है। इसके अलावा 4 घंटे से अधिक हवाई यात्रा करने से शरीर में रक्त के थक्के बनने का खतरा रहता है। ऐसे में या तो इससे बच कर रहिए। इसके अलावा यात्रा दौरान आरामदायक कपड़े पहने व अन्य सावधानियां बरतकर यात्रा को सुरक्षित बनाने की कोशिश करें।
Ritisha Jaiswal
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