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बच्चों में दिखे एलर्जी के लक्षण, तो पैरेंट्स इस बात का रखें ध्यान
Ritisha Jaiswal
31 Aug 2022 10:50 AM GMT
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बच्चों में एलर्जी होने भले ही आम समस्या है, परंतु इसे बढ़ने से पहले ही रोक लेना चाहिए।
बच्चों में एलर्जी होने भले ही आम समस्या है, परंतु इसे बढ़ने से पहले ही रोक लेना चाहिए। बच्चों को कई तरह से एलर्जी हो सकती है। जैसे - मौसमी एलर्जी (सर्दी, खांसी और जुकाम), फूड एलर्जी, स्किन एलर्जी, हेयर एलर्जी आदि। आप बच्चों की एलर्जी दूर करने के लिए घरेलू तरीके अपना सकते हैं। घरेलू तरीकों के जरिए बच्चों को एलर्जी से राहत दिलवाई जा सकती है। मौसमी एलर्जी को 'हे फीवर' या 'मौसमी एलर्जिक राइनाटिस' भी कहते हैं। तो चलिए आपको बताते हैं कि आप कैसे बच्चों की एलर्जी की समस्या दूर कर सकते हैं...
बच्चों में एलर्जी के लक्षण
यदि बच्चा हर समय पर कोल्ड एलर्जी के लक्षण विकसित करता है तो उसे मौसमी एलर्जी हो सकती है। इसके अलावा किसी एलर्जेन व्यक्ति के संपर्क में आने से भी उसे मौसमी एलर्जी हो सकती है। एलर्जी के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं...
. छींके आना
. खुजली
. नाक बंद होना
. नाक बहना
. आंखों में पानी
. बार-बार कान में इंफेक्शन
एलर्जी से बचने के घरेलु नुस्खे
अनानास का रस पिलाएं
धूल, एलर्जी, पराग और अस्थमा के लक्षण दिखने पर आप बच्चों को अनानास का जूस पीला सकते हैं। यह स्वाद में भी मीठा होता है। इसमें पाया जाने वाला विटामिन-सी इम्यूनिटी मजबूत करने में मदद करता है। इसमें ब्रोमेलैन नाम का एंजाइम भी पाया जाता है, जिसमें एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह सूजन दूर करने में भी सहायता करता है। श्वास और सूजन के लिए अनानास बहुत ही फायदेमंद होता है।
चुकंदर का रस पिलाएं
चुकंदर का रस भी आप बच्चों को पिला सकते हैं। चुकंदर में पाया जाने वाला बैंगनी लाल रंग एंथोसायनिन नामक तत्व से आता है। यह पोषक तत्व पानी में घुलनशील होता है। एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-वायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण भी होते हैं। एलर्जी के कारण होने वाले सिरदर्द में यह बहुत ही फायदेमंद होता है। यह सूजन और भरी हुई नाक को भी ठीक करने में मदद करता है।
बेरीज खिलाएं
आप बच्चों को बेरीज का सेवन करवा सकते हैं। जामुन बच्चों को एलर्जी से बचाने के लिए एक प्राकृतिक उपचार है। इसके अलावा ब्लैकबेरी, ब्लूबैरी, क्रैनबेरी में भी एंथोसायनिन काफी अच्छे मात्रा में पाया जाता है। बेर, चेरी और अंगूर भी आप बच्चों को एलर्जी से बचाने के लिए खिला सकते हैं।
हल्दी
हल्दी भी प्राकृतिक एंटीबॉयोटिक के रुप में कार्य करती है। इसमें एंटीइंफ्लामेटरी गुण पाए जाते हैं। यह एंटीऑक्सीडेंट्स का भी बहुत ही अच्छा स्त्रोत मानी जाती है। सूप और करी में डालकर आप बच्चों को इसका सेवन करवा सकते हैं। उचित मात्रा में बच्चों को पिलाने के लिए आप हल्दी वाला दूध पिला सकते हैं। दूध में एक चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर बच्चों को दे सकते हैं। हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन शरीर में से सूजन कम करने में सहायता करता है। इसके अलावा आप 1-2 चम्मच हल्दी को पानी में मिलाकर काढ़ा तैयार कर सकती हैं। कड़वापन दूर करने के लिए आप उसमें शहद मिलाएं। एलर्जी रोकने के लिए बच्चों को दो बार दिन में इसका सेवन करवा सकती हैं।
दही
आप बच्चों को दही भी खिला सकती हैं। दही प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थ है यह एलर्जिक राइनाइटिस को रोकने में बहुत ही फायदेमंद मानी जाती है। इसमें पाए जाने वाले बैक्टीरिया शरीर की रक्षा करने में सहायता करते हैं। सीजनल एलर्जी से बच्चों को बचाने के लिए आप दही उनकी डाइट में शामिल कर सकती हैं।
शहद
शहद भी एलर्जी में बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। वसंत ऋतु में पोलन एलर्जी का सामना करना पड़ता है यह बच्चों को बहुत ही प्रभावित करती है। इसके लक्षण खुजली, आंखों में पानी आना, गले में खराश, खांसी और नॉज ब्लॉक होते हैं। इसके अलावा कुछ बच्चों में साइनस के दबाव के कारण चेहरे की मांसपेशियों में भी दर्द हो सकता है। हालांकि कुछ मामलों में बच्चों के स्वाद और सूंघने की क्षमता भी प्रभावित होती है। आंखों के नीचे की त्वचा नीली हो सकती है सूजन भी हो सकती है। यह सारे पोलन एलर्जी के लक्षण है। आप बच्चों को इस समस्या से बचाने के लिए शहद भी इस्तेमाल कर सकते हैं। शहद बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने में भी सहायता करता है।
पैरेंट्स इस बात का रखें ध्यान
यदि बच्चों को सीजनल एलर्जी हो गई है तो आप उनके डाइट और खानपान का खास ध्यान रखें। एलर्जी के गंभीर लक्षण दिखने पर डॉक्टर को जरुर दिखाएं।
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