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डायबिटीज क्या है
मधुमेह यानि कि डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जो आपके शरीर में रक्त शर्करा, जिसे ब्लड ग्लूकोज भी कहते हैं, के अधिक हो जाने के कारण हो जाती है। बता दें कि ब्लूड ग्लूकोज हमारी एनर्जी का मुख्य स्त्रोत है और यह आपके द्वारा खाए गए भोजन से मिलता है। जब हमारे शरीर के पैंक्रियाज में इंसुलिन का पहुंचना कम हो जाता है और रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है तो इस स्थिति को डायबिटीज कहते हैं। दरअसल, इंसुलिन एक तरह का हॉर्मोन होता है जो पाचन ग्रंथि द्वारा बनता है। इसका काम है शरीर के अंदर भोजन को एनर्जी में बदलना। लेकिन जब डायबिटीज होती है तो शरीर को भोजन से एनर्जी बनाने में दिक्कत होती है और ऐसे में ग्लूकोज का बढ़ा हुआ स्तर शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है।
डायबिटीज के प्रकार
महिलाओं की तुलना में पुरुषों को डायबिटीज होने का खतरा ज्यादा रहता है। वैसे मुख्यत: डायबिटीज चार प्रकार की होती है –
टाइप 1 डायबिटीज
इस तरह की डायबिटीज में इंसुलिन का बनना कम हो जाता है या फिर इंसुलिन बनना बंद ही हो जाता है। वैसे इस तरह के मामले बहुत कम ही देखने को मिलते हैं, जिन्हें टाइप 1 डायबिटीज हो। यह बीमारी सामान्य तौर पर 12 से 25 साल से कम उम्र में पाई जाती है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार भारत में 1 से 2 प्रतिशत मामलों में ही टाइप 1 डायबिटीज की समस्या होती है।
टाइप 2 डायबिटीज
टाइप 2 डायबिटीज से प्रभावित लोगों का ब्लड शुगर का स्तर काफी बढ़ जाता है, जिसे कंट्रोल करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। इसमें शरीर इंसुलिन का सही तरीके से प्रयोग नहीं कर पाता है। इस तरह की डायबिटीज ज्यादातर उन लोगों को होती है, जिनका बीएमआई 32 से ज्यादा हो। यह खराब लाइफस्टाइल, गलत खानपान व आनुवंशिक कारणों से भी हो सकती है।
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को अक्सर गर्भकालीन मधुमेह, जिसे जेस्टेशनल डायबिटीज भी कहा जाता है, की समस्या हो जाती है। जेस्टेशनल डायबिटीज ऐसी स्थिति है, जिसमें प्रेगनेंट महिला के ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है। जिन लोगों को पहले से डायबिटीज नहीं भी होती है, वो भी इसकी चपेट में आ जाते हैं। इस दौरान इंसुलिन की सहायता से ब्लड शुगर कंट्रोल में रखा जाता है और बेबी होने के बाद ये सही भी हो जाती है।
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प्री डायबिटीज
इस प्रकार की डायबिटीज में आपके शरीर का ग्लूकोज स्तर साधारण मात्रा से अधिक होता है लेकिन इसका ये मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि आपको डायबिटीज हो ही। आप चाहें तो इसी समय अपनी लाइफस्टाइल और खानपान में बदलाव कर इस तरह की डायबिटीज से छुटकारा पा सकते हैं। आइये डायबिटीज के लक्षण (diabetes ke lakshan) जानें।
डायबिटीज के लक्षण
बार- बार पेशाब का आना
पैरों और हाथों का अक्सर सुन्न हो जाना या उनमें झनझनाहट होना
ज्यादा प्यास लगना
घाव या चोट देरी से भरना
बार- बार फोड़े- फुंसियों या फिर दानों का निकलना
आंखों की रोशनी एकदम से कम होना
चक्कर आना
लगातार भूख लगना
अचानक वजन कम होना
खुजली या फिर त्वचा रोग का होना
कमजोरी, थकान और चिड़चिड़ापन होना
डायबिटीज के कारण – Causes of Diabetes in Hindi
डायबिटीज एक आनुवंशिक रोग है। अगर किसी के माता- पिता को डायबिटीज है तो उनके बच्चों को भी ये बीमारी होने की आशंका बनी रहती है।
ज्यादातर रिसर्च में पाया गया है कि मानसिक तनाव और डिप्रेशन के कारण डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
अपनी शारीरिक क्षमता से ज्यादा काम करना।
ज्यादा चाय, कोल्ड ड्रिंक्स और मीठे का सेवन करना।
धूम्रपान और तम्बाकू के सेवन से।
प्रेगनेंसी के दौरान ज्यादा दवाइयों का सेवन करने से।
मोटापा नियंत्रित न कर पाना।
खराब जीवनशैली।
गलत खान- पान, जैसे – फास्ट फूड और पैकेट फूड का अत्यधिक सेवन करना।
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