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कमरे को आलीशान लुक और सेहतमंद बनाने के लिए आपने वुडन फ़्लोरिंग लगवा तो ली है, लेकिन क्या अब इनकी रौनक फ़ीकी पड़ने लगी है. यदि ऐसा है, तो इसे इंस्टॉल करने, दोबारा पहले जैसा बनाने और अच्छी तरह मेंटेन करने के कुछ आसान-से टिप्स हम दे रहे हैं, ताकि आपके कमरे की ख़ूबसूरती हमेशा बरक़रार रहे.
आजकल शहरों में वुडन फ़्लोरिंग का चलन काफ़ी तेज़ी से बढ़ा है. बिल्डर्स ख़ुद मास्टर बेडरूम में वुडन फ़्लोरिंग लगवाकर दे रहे हैं. असल में यह आम फ़्लोरिंग से बेहतर दिखता है. इसके कई और फ़ायदे भी हैं. इस पर डस्ट नहीं टिकती और यह एलर्जी पैदा करनेवाली चीज़ों को भी ख़ुद पर जमा नहीं होने देती. ओक और पाइन जैसे कुछ वुड्स ऐंटीबैक्टीरियल गुण भी रखते हैं. इसलिए इनका इस्तेमाल किचन के सामान बनाने में भी किया जाता है. सच तो यह है कि वुडन फ़्लोरिंग कमरे को ज़्यादा सेहतमंद बनाता है. इनकी साफ़-सफ़ाई करना भी काफ़ी आसान है. यदि सही वुड चुना जाए और ढंग से इनका ख़्याल रखा जाए तो ये आजीवन आपके घर की शोभा बढ़ा सकते हैं.
ईशा चौधरी, डिज़ाइन डायरेक्टर, स्टूडियो एचबीए बताती हैं,“वुडन फ़्लोरिंग की लाइफ़ तीन बातों पर निर्भर करती है- उनका स्टाइल-टिकाऊपन, सेहत व हाइजीन. यानी वे किस तरह के वुड्स हैं, उनका रखरखाव कैसा है और इलाक़े का तापमान कितना रहता है. पहले इन्हें बिना किसी पॉलिश के ऐसे ही रखा जाता था, क्योंकि पेंट्स, वार्निश बहुत महंगे हुआ करते थे. आजकल इनकी चमक को बनाए रखने के लिए पीयू कोटिंग्स, प्रोटिक्टिव फ़िनिशेस, रेज़िन वार्निश और ट्रांस्पैरेंट कोटिंग इस्तेमाल की जाती है, जो अल्ट्रा वायलेट रेडिएशन्स के दुष्प्रभाव से फ़्लोरिंग को बचाती है और इनकी रंगत को बनाए रखती हैं.” हम यहां आपको कुछ बुनियादी टिप्स बता रहे हैं, जिनसे आपके फ़्लोरिंग की चमक हमेशा बनी रहेगी.
1. वुडन फ़्लोरिंग लगवाते समय उसके मॉइस्चर कन्टेंट का पूरा ख़्याल रखना चाहिए, ताकि यह लंबे समय तक टिके रह सकें. ज़्यादा मॉइस्चर कन्टेंट वाली फ़्लोरिंग पर क्रैक आ सकते हैं. फ़्लोरिंग अंडरले भी एक अच्छा विकल्प है. क्योंकि यह थर्मल इंसुलेटर की तरह काम करते हैं. यह वुड के बढ़ने या संकुचित होने को भी नियंत्रित करते हैं.
2. वुडन फ़्लोरिंग की मरम्मत या उसमें नयापन लाते समय सबसे पहले तो उसके वास्तविक कैरेक्टर्स को बनाए रखने की पूरी कोशिश करनी चाहिए. बफ़िंग और कोटिंग या लिन्सीड ऑयल ट्रीटमेंट्स जैसी पारंपरिक प्रक्रियाएं वुडन फ़्लोरिंग के सौंदर्य को बढ़ा सकते हैं.
3. अलग-अलग वुड कलर स्टेन्स या उनके संयोजन से आप फ़्लोरिंग को रंग सकते हैं. यह आपके पूरे कमरे का लुक बदल देगा. संयोजन में ऐश की एक स्ट्रिप या फिर वाइट ओक वुड को बफ़ करके सफ़ेद डिस्ट्रेस्ड स्टेन से रंगा जा सकता है वहीं ब्लैक ईबोनी शेड क्लासिक लग सकते हैं.
4. यदि आपकी फ़्लोरिंग काफ़ी ख़राब हो चुकी है और तुंरत कुछ सलूशन चाहिए तो उसकी ऊपरी सतह को पेंट कर सकते हैं.
5. हर तरह के वुडन फ़्लोरिंग को बहुत देखरेख की ज़रूरत होती है और इन्हें हर तीन-पांच साल में पॉलिश कराना होता है. नियमित देखरेख करने पर वुडन फ़्लोरिंग की रौनक समय के साथ बढ़ती जाती है.
6. हर फ़र्नीचर के पैरों के नीचे प्रोटिक्टिव पैड्स, फ़ैब्रिकग्लाइड्स रखें. वुडन फ़्लोरिंग पर पर्मानेंट स्क्रैचेस नहीं पड़ने चाहिए, इसलिए कमरे में रखी सभी चीज़ों के नीचे प्रोटिक्टिव पैड्स ज़रूर लगवाएं.
7. फ़र्श को साफ़ करने के लिए अक्रैलिक वैक्सेस और सख़्त डिटर्जन्ट का इस्तेमाल न करें. इससे फ़्लोरिंग की रंगत भी बिगड़ती है और वे फिसलनदार भी हो जाते हैं.
8. फ़्लोरिंग चुनते समय अपने इलाक़े के मौसम का भी ख़्याल रखें. उदाहरण के लिए यदि आप नमीयुक्त वातावरण के लिए वुडन फ़्लोरिंग चुन रहे हैं, तो वुड में गांठें रिंग्स जितनी कम से कम हों उतना बेहतर है. ध्यान रहे इसके ग्रेन्स भी सीधे-सीधे हों, क्योंकि इस तरह के वुड जल्दी लचकते नहीं और इस मौसम में वुड के मुड़ने की संभावना ज़्यादा रहती है.
9. यदि आपकी फ़्लोरिंग खुले में या खिड़की के सामने हो, तो ह्यूमिडीफ़ायर लगवाएं.
10. टॉप और बेस कोट्स को नज़रअंदाज़ न करें. ये वुड में किसी भी तरह के फ़ंगस को पनपने से रोकता है.
11. वुडन फ़्लोरिंग को सूखे मॉप से साफ़ करें और हर दिन झाड़ू लगाना इनके लिए बिल्कुल सही होगा.
12. फ़र्श पर पानी गिरते ही इसे तुरंत साफ़ करें, वर्ना यह फ़्लोर की रंगत बिगाड़ सकता है.
13. यूरेथेन रेज़िन कोटिंग्स फ़्लोरिंग को कमज़ोर बना सकता है. इससे बेहतर है कि फ़्लोरिंग की देखरेख के लिए पारंपरिक तरीक़ों को चुनें. ऑयलिंग भी कर सकते हैं, इससे फ़्लोर के मटेरियल को मज़बूती मिलती है और इसका वास्तविक टेक्स्चर भी बना रहता है.
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