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दुनिया में सबसे महंगे मसालों में से एक केसर सेहत के लिए भी किसी वरदान से कम नहीं है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | दुनिया में सबसे महंगे मसालों में से एक केसर सेहत के लिए भी किसी वरदान से कम नहीं है। कई महिलाओं का मानना है कि प्रेगनेंसी में केसर खाने से गोरा बच्चा पैदा होता है। हालांकि, एक्सपर्ट के मुताबिक, बच्चे की त्वचा का रंग आनुवंशिक रूप से माता-पिता के जीन्स पर निर्धारित होता है। फिर भी, भारत में गर्भवती महिलाएं गोरा बच्चा पाने के लिए प्रेगनेंसी में केसर वाला दूध पीती हैं। वैसे तो केसर वाला दूध गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद होता है लेकिन अगर इसे मॉडरेशन में ना खाया जाए तो यह नुकसान भी पहुंचा सकता है।
क्या प्रेगनेंसी में केसर वाला दूध पीना चाहिए?
एक्सपर्ट की मानें तो प्रेगनेंसी में केसर वाला दूध पीना फायदेमंद है। हालांकि इसकी तासीर गर्म होती है इसलिए केसर का अधिक सेवन करने से कुछ समस्याएं हो सकती है। ऐसे में सीमित मात्रा में इसका सेवन करें। गर्भवती महिलाओं को प्रतिदिन 2 या 3 रेशे से ज्यादा केसर यूज नहीं करना चाहिए
कैसे करें केसर का सेवन?
केसर का सेवन करने का सबसे अच्छा तरीका है दूध में मिलाकर पीना। इसके लिए गर्म दूध में केसर के कुछ धागे डालकर मिलाएं। भोजन करने के कम से कम 5-10 मिनट बाद इसका सेवन करें। ध्यान रखें कि इसके बाद हल्की-फुल्की सैर जरूर करें।
कब लेनी चाहिए केसर
ध्यान रखें कि प्रेगनेंसी के 5वे महीने से ही केसर लेना शरू करें क्योंकि इस समय तक गर्भ ठहर चुका होता है। इस दौरान गर्भपात का खतरा ना के बराबर रहता है।
चलिए अब आपको बताते हैं प्रेगनेंसी में केसर खाने के फायदे
ब्लड प्रेशर कंट्रोल करे
कई गर्भवती माताओं को इस दौरान हाई ब्लड प्रेशर का सामना करना पड़ता है। मगर, केसर वाला दूध पीने से बीपी कंट्रोल रहता है।
पाचन में सुधार
कई महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान कब्ज, सूजन और अपच की शिकायत होती है। मगर, केसर का नियमित सेवन अम्लता को कम करके ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है। यह मेटाबॉलिज्म को भी बढ़ावा देता है, जिससे ये लक्षण काफी हद तक कम हो जाता है।
मॉर्निंग सिकनेस
केसर युक्त चाय या दूध पाचन तंत्र को शांत करता है। इसे सीमित मात्रा में लेने पर मॉर्निंग सिकनेस से राहत मिल सकती है।
मूड़ स्विंग
एंटी-डिप्रेसेंट गुणों से भरपूर केसर वाला दूध पीने से गर्भवती महिलाओं में मूड़ स्विंग, चिंता, अवसाद और जलन से राहत मिलती है।
बालों का झड़ना कम
हार्मोनल उतार-चढ़ाव से कई गर्भवती महिलाओं में बाल झड़ते हैं। आयुर्वेद की मानें तो, केसर, दूध और मुलेठी का लेप लगाने से प्रेग्नेंसी में बालों का झड़ना रोका जा सकता है। साथ ही इससे बालों के विकास को भी बढ़ावा मिलता है।
मांसपेशियों में ऐंठन से राहत
कई महिलाओं को तीसरी तिमाही में पैरों व पेट में मांसपेशियों में ऐंठन और जोड़ों में दर्द की शिकायत होती है। मगर, केसर में ऐंठन-रोधी और एंटीनोसिसेप्टिव गुण होते हैं, जो दर्द को कम कर सकता है।
होते हैं कुछ नुकसान भी
. गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन लिमिट ही नहीं चाहिए क्योंकि इसका अधिक मात्रा कॉन्ट्रैक्शन और प्रीमैच्योर डिलीवरी को ट्रिगर कर सकता है। इसका तापमान गर्भाशय में संकुचन पैदा करता है, जिससे मिसकैरेज भी हो सकता है।केसर खाने के बाद कुछ महिलाओं को तनाव, सिरदर्द, मुंह में सूखापन, मतली-उल्टी की समस्या हो सकती है। ऐसे में केसर खाना तुरंत बंद कर दें और डॉक्टर से संपर्क करें।
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