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दुनियाभर में आज कल लो-फैट डाइट का चलन बढ़ गया है। यही वजह है कि हेल्दी लोगों में भी हेल्दी फैट्स की कमी देखने को मिल रही है। यह फैट्स मजबूत इम्यूनिटी, हेल्दी दिमाग, हॉर्मोन संतुलन और एंटीऑक्सीडेंट्स के लिए जरूरी होते हैं।
रिसर्च में पता चलता है कि विटामिन-ई ऐसा ही एक पोषक तत्व है, जो हेल्दी फैट्स से भरपूर होता है। हालांकि, जो लोग हेल्दी खाना खाते हैं उनमें विटामिन-ई की कमी कम ही दिखती है। जो लोग हेल्दी फैट्स के सेवन से बचते हैं, जो पाचन से जुड़ी दिक्कतों से गुजरते हैं और वे लोग जो वसा को ठीक से अवशोषित नहीं कर सकते हैं जैसे कि अग्नाशयशोथ, सीलिएक रोग या सिस्टिक फाइब्रोसिस से पीड़ित व्यक्तियों में ही यह कमी ज्यादा देखी जाती है।
विटामिन-ई का काम क्या है?
विटामिन-ई एक फैट सॉल्यूबल पोषक तत्व है, जो कई रूपों में मौजूद है और इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं। जिनमें बेहतर इम्यूनिटी, त्वचा और आंखों का स्वास्थ्य शामिल है। यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट भी है और आपके सेल्स को फ्री-रैडिकल्स के प्रभावों से बचा सकता है। जो दिल की बीमारी और कैसंर के जोखिम को कम करने में अहम भूमिका निभा सकता है।
विटामिन-ई, शरीर के इम्यून सिस्टम को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है और रक्त वाहिकाओं को भी बेहतर तरीके से काम करने में मदद मिलती है। विटामिन-ई के सेहत से जुड़े फायदों के बारे में आज भी काफी कुछ नहीं पता है, लेकिन कुछ रिसर्च बताती हैं कि यह पोषक तत्व दिमाग की सेहत को बनाए रखता है, जिससे व्यक्ति कॉग्निटिव डेक्लाइन और डिमेंशिया से बचता है। साथ ही बेचैनी और अवसाद के लक्षण भी कम होते हैं।
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, कई महिलाओं में विटामिन-ई पीरियड्स से जुड़े दर्द में भी आराम दिलाता है।
विटामिन-ई की कमी के लक्षण क्या हैं?
शरीर में जब विटामिन-ई की कमी होने लगती है तो ऐसे संकेत दिखते हैं:
आंखों की रोशनी का कमजोर पड़ना
शरीर पर कंट्रोल कम होना
इम्यूनिटी का कमजोर पड़ना
तंत्रिका दर्द या क्षति
क्या रोजाना विटामिन-ई का सेवन करना होता है?
वैसे जो भी हेल्दी डाइट फॉलो करता है, उसके शरीर को प्राकृतिक तरीके से विटामिन-ई मिल जाता है। वहीं, कुछ लोग सप्लीमेंट के जरिए इस पोषक तत्व की कमी पूरी करते हैं। विटामिन-ई कई फूड्स में प्राकृतिक तौर पर मौजूद होता है। वीटजर्म ऑयल, विटामिन-ई का सबसे बड़ा नेचुरल स्त्रोत है, जिसके बाद सूरजमुखी के बीज, वेजीटेबल ऑयल, पीनट बटर, बादाम, हेजलनट्स, मूंगफली, आम, कीवी जैसे फलों और एस्परैगस, ब्रॉकली, टमाटर और पालक जैसी सब्जियों में अच्छी मात्रा में मौजूद होता है।
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Apurva Srivastav
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