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यह न्यूट्रीशन से जुड़ा दुनिया का पहला ऐसा अध्ययन है, जो विशेष रूप से राई पर ही केंद्रित है. पहले भी कई ऐसे अध्ययन हुए हैं, लेकिन वो ज्यादा व्यापक हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | यह न्यूट्रीशन से जुड़ा दुनिया का पहला ऐसा अध्ययन है, जो विशेष रूप से राई पर ही केंद्रित है. पहले भी कई ऐसे अध्ययन हुए हैं, लेकिन वो ज्यादा व्यापक हैं और हर तरह के ग्रेन या अन्न को उस अध्ययन में शामिल किया गया है. लेकिन स्वीडन ने पहली बार विशेष तौर पर मानव शरीर पर राई के प्रभाव को समझने की कोशिश की है.
स्वीडन की शैलमर्स यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (Chalmers University of Technology) की नई रिसर्च के मुताबिक वजन घटाने के लिए गेंहू से ज्यादाकर कारगर है राई और राई की बनी ब्रेड या रोटी. यह स्टडी क्लिनिकल न्यूट्रीशनल जरनल में प्रकाशित हुई है.
यहां अलग से यह बताना जरूरी है कि स्वीडन दुनिया में राई का उत्पादन करने वाले देशों में प्रमुख है. राई वहां के प्रमुख अनाजों में से एक है और पारंपरिक स्वीडिश खाने का अभिन्न हिस्सा है.
यह अध्ययन भारत के लिए भी इस लिहाज से उपयोगी है क्योंकि भारत में भी राई का उत्पादन और उपभोग बड़े पैमाने पर होता है. राई हमारे पारंपरिक भारतीय भोजन का जरूरी हिस्सा है.
इस स्टडी में 30 से लेकर 70 आयु वर्ष के 242 पुरुषों और महिलाओं को शामिल किया गया. स्टडी में शामिल सभी लोग ऐसे थे, जिनके शरीर का वजन सामान्य से बहुत अधिक था और जो ओबीज की कैटेगरी में आते थे. इन लोगों को दो समूहों में बांटा गया और 12 हफ्तों तक चली इस प्रक्रिया में दोनों समूहों का अलग डाइट निर्धारण किया गया. एक समूह को खाने में रिफाइंड गेंहू से बना भोज्य पदार्थ दिया गया (जैसेकि ब्रेड, कुकीज, पैन केक वगैरह), जो स्वीडन में और भारत में भी बहुसख्ंयक लोगों का प्रमुख भोजन है. दूसरे समूह के खाने में रिफाइंड गेंहू पूरी तरह प्रतिबंधित था और उन्हें खाने में मुख्यत: राई और व्होल ग्रेन से बनी गई चीजें दी गईं. कोई भोजन पूरी तरह राई का बना हुआ नहीं हो सकता, लेकिन राई उसका बड़ा और पप्रमुख इंग्रेडिएंट था.
12 हफ्तों के बाद जब दोनों समूह के लोगों का वजन मापा गया तो पता चला कि जिस समूह ने भोजन में रिफाइंड व्हीट यानि गेंहू खाया था, उसका वजन पहले से बढ़ा हुआ था. वहीं दूसरी ओर राई का सेवन करने वाले समूह के लोगों का वजन कम हो गया था.
सच कहें तो ये ऐसा प्रयोग है, जो आप खुद भी अपने ऊपर करके देख सकते हैं. आपको करना सिर्फ ये है कि दो महीने के लिए गेंहू या ग्लूटन वाला कोई भी अनाज खाना पूरी तरह बंद कर देंगे. दो महीने बाद मशीन खुद ही परिणाम आपके सामने रख देगी. अन्न बुरा नहीं है, लेकिन ग्लूटन युक्त और रिफाइंड अन्न सेहत के लिए बहुत हानिकारक है और ओबिसिटी की मुख्य वजहों में से एक है
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